Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा में शिया-सुन्नी संघर्ष से दहशत, अब तक 124 लोगों की मौत, सैंकड़ों घायल

Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा में शिया-सुन्नी संघर्ष से दहशत, अब तक 124 लोगों की मौत, सैंकड़ों घायल
Last Updated: 01 दिसंबर 2024

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां में शिया-सुन्नी विवाद के बाद हालात गंभीर हैं। 21 नवंबर के हमले से अब तक 124 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हैं। इलाके में संघर्ष विराम की कोशिशें जारी हैं।

Pakistan News: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मकामी इंतेजामिया के अनुसार, शनिवार को हुई सशस्त्र झड़पों में 16 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की कुल संख्या 124 तक पहुंच गई है। हिंसा में अब तक 170 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

शिया और सुन्नी समुदायों के बीच तनाव

हिंसा की शुरुआत 21 नवंबर को हुई, जब पाराचिनार इलाके से आ रहे यात्री वाहनों के काफिले पर मंडोरी इलाके में सशस्त्र लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में बच्चों और महिलाओं सहित 52 लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद शिया और सुन्नी समुदायों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर सशस्त्र हमले और हिंसा के आरोप लगाए हैं, जिससे इलाके में हालात और बिगड़ गए।

जरूरी सामान और सेवाओं की भारी कमी

हिंसा के कारण इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रमुख राजमार्ग बंद होने से खाने-पीने के सामान, ईंधन और दवाओं की भारी कमी हो गई है। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी ठप हैं। आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और लोगों के मन में भय का माहौल है। इस बीच, प्रांतीय सरकार के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने इलाके का दौरा किया और तनाव कम करने के लिए बुजुर्गों से बातचीत की, लेकिन झड़पों पर लगाम नहीं लग सकी।

संघर्ष विराम पर असहमति

कुर्रम के डिप्टी कमिश्नर जावेदउल्लाह महसूद ने बताया कि संघर्ष विराम कराने की सरकारी कोशिशों को दोनों पक्षों ने फिलहाल नजरअंदाज कर दिया है। अब संघर्ष विराम के लिए दोनों पक्षों के बुजुर्गों को शामिल किया गया है। यह बुजुर्ग समुदायों के बीच शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।

सांप्रदायिक तनाव और लगातार झड़पों के चलते कुर्रम जिले में हालात बेहद नाजुक हैं। प्रशासन शांति बहाली के लिए प्रयासरत है। इलाके के लोग भी इस तनाव से निजात पाने और अपनी सामान्य जिंदगी में लौटने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

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