अमेरिका के सहयोग से भारत में पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजना देश की सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट का उद्देश्य भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में इसकी स्थिति को मजबूत करना हैं।
वॉशिंगटन: अमेरिका के सहयोग से भारत में पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो सैन्य हार्डवेयर, महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए चिप्स का उत्पादन करेगा। यह महत्वाकांक्षी संयुक्त परियोजना शनिवार को विलमिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वार्ता के बाद घोषित की गई। इस परियोजना के तहत अमेरिका भारत में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करेगा, जो "परिवर्तनकारी सहयोग" के तहत किया जा रहा हैं।
मोदी-बाइडेन वार्ता के बाद जारी संयुक्त तथ्य पत्र में दोनों नेताओं ने इसे पहली भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर निर्माण साझेदारी के रूप में "वाटरशेड व्यवस्था" बताया। पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क के नासाऊ में यह भी कहा कि भारत जल्द ही सेमीकंडक्टर चिप का एक बड़ा उत्पादक देश बनेगा और आने वाले वर्षों में भारत में बनी चिप अमेरिका में भी दिखाई देगी। यह भारत के लिए तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
सैन्य सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है ये डील
भारत-अमेरिका के बीच हुई यह डील सैन्य सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने के साथ-साथ अमेरिका ने भी भारत में अपने प्लांट लगाने को हरी झंडी दे दी है। इस चिप के निर्माण से भारत की सैन्य सुरक्षा की क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए एक बड़ी और आवश्यक पहल है। आने वाले समय में इस डील का असर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
पीएम मोदी ने लगातार देश में सेमीकंडक्टर चिप के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास किया है, ताकि भारतीय चिप्स पूरी दुनिया में प्रतिस्पर्धी बन सकें। यह न केवल भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।