ट्रंप ने 'एलियन एनिमीज़ एक्ट' किया लागू, वेनेजुएला के गिरोह पर कसा शिकंजा

ट्रंप ने 'एलियन एनिमीज़ एक्ट' किया लागू, वेनेजुएला के गिरोह पर कसा शिकंजा
अंतिम अपडेट: 14 घंटा पहले

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलियन एनिमीज़ एक्ट लागू कर वेनेजुएला के गिरोह से जुड़े लोगों के निर्वासन का आदेश दिया, लेकिन न्यायाधीश ने इस पर दो सप्ताह की रोक लगा दी।

World War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को एलियन एनिमीज़ एक्ट लागू कर वेनेजुएला के कुख्यात "ट्रेन डे अरागुआ" गिरोह से जुड़े लोगों को निर्वासित करने का आदेश दिया। यह अधिनियम, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया था, अब पहली बार ट्रम्प प्रशासन द्वारा लागू किया गया है। हालांकि, संघीय न्यायाधीश जेम्स ई. बोसबर्ग ने निर्वासन पर दो सप्ताह की अस्थायी रोक लगा दी है।

गिरोह को घोषित किया 'आक्रमणकारी बल'

ट्रंप प्रशासन ने इस गिरोह को "आक्रमणकारी फोर्स" के रूप में नामित किया है। प्रशासन का दावा है कि यह समूह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। लेकिन इस फैसले को चुनौती देने के लिए अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) और डेमोक्रेसी फॉरवर्ड ने मुकदमा दायर किया, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि पांच वेनेजुएला नागरिकों को एलियन एनिमीज़ एक्ट के तहत जबरन निर्वासित किए जाने की संभावना है।

संघीय न्यायालय में रोक, लेकिन कानूनी लड़ाई जारी

संघीय न्यायाधीश जेम्स बोसबर्ग ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दो सप्ताह की अस्थायी रोक लगा दी। न्याय विभाग ने इस फैसले के खिलाफ अपील की है और आगामी शुक्रवार को इस मामले पर एक विस्तृत सुनवाई होगी।

एलियन एनिमीज़ एक्ट: क्या है यह कानून?

एलियन एनिमीज़ एक्ट एक अमेरिकी संघीय कानून है, जिसे 1798 में एलियन और सेडिशन एक्ट के तहत पारित किया गया था। यह राष्ट्रपति को युद्धकाल या राष्ट्रीय संकट के दौरान "दुश्मन" देशों के नागरिकों को हिरासत में लेने या निर्वासित करने की शक्ति देता है।

- इस अधिनियम को 1812 के युद्ध के दौरान पहली बार ब्रिटिश नागरिकों पर लागू किया गया था।

- प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, इसका इस्तेमाल अमेरिका में रह रहे जर्मन, जापानी और इतालवी नागरिकों को हिरासत में लेने के लिए किया गया था।

- द्वितीय विश्व युद्ध में, इस अधिनियम के तहत जापानी-अमेरिकी नागरिकों को बड़े पैमाने पर हिरासत में लिया गया था।

ट्रम्प प्रशासन ने क्यों लागू किया यह कानून?

ट्रंप प्रशासन ने इस अधिनियम को लागू करने के पीछे निम्नलिखित तर्क दिए हैं:

राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा: वेनेजुएला का "ट्रेन डे अरागुआ" गिरोह अमेरिका में आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

युद्धकालीन शक्तियों का इस्तेमाल: राष्ट्रपति ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर इस गिरोह को आक्रमणकारी बल घोषित किया।

संदिग्ध गिरोह सदस्यों की कैद: अमेरिका ने एल साल्वाडोर के साथ $6 मिलियन का समझौता किया है, जिसके तहत 300 संदिग्ध गिरोह सदस्यों को कैद किया जाएगा।

तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता: प्रशासन का मानना है कि इस गिरोह को जल्द से जल्द निष्कासित करना जरूरी है ताकि देश की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।

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