पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को दूसरा मेडल दिलाने से चूके स्टार निशानेबाज अर्जुन बाबुता एक गलत शॉट की वजह से चौथे स्थान पर रहें हैं हैं। इस दौरान स्टार अर्जुन की ओलंपिक तक पहुंचने की स्टोरी काफी फिल्मी है। आइए जानते हैं उनकी स्टोरी....
Arjun Babuta Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के स्टार निशानेबाज अर्जुन बाबुता (Arjun Babuta) देश को दूसरा मेडल दिलाने से आज के इवेंट में चूक गए। बता दें कि शूटिंग के दौरान अर्जुन शुरुआती 11 शॉट के बाद सिल्वर मेडल जीतने की पोजिशन पर आ चूके थे, लेकिन इसके बाद उनके कुछ गलत शॉट की वजह से वो चौथे नंबर पर आकर इवेंट से बाहर हो गए।
भारत के मेडल का खता खोला: मनु भाकर
बता दें कि इससे पहले रविवार (28 जुलाई) को मनु भाकर ने महिला शूटिंग के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। जो भारत का पेरिस ओलंपिक में पहला मेडल बना है जबकि, सोमवार यानि आज 29 जुलाई को अर्जुन बाबुता पुरुष 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में भारत को दूसरा मेडल जीताने से चूक गए हैं। मगर उन्होंने अपने शूटिंग प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया।
राइफल इवेंट से बाहर हुए अर्जुन
जारी अपडेट के अनुसार, पेरिस ओलंपिक में आज के शूटिंग 10 मीटर एयर राइफल इवेंट के फाइनल मुकाबले में आठ शूटर्स शामिल रहे थे। जिनमें चीन की ओर से लीहाओ शेंग ने इस इवेंट का गोल्ड मेडल जीता। वहीं, इस इवेंट में लीहाओ शेंग का स्कोर 252.2 अंक प्राप्त करके ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा स्वीडन के विक्टर
लिंडग्रेन ने 251.4 अंकों के साथ सिल्वर, जबकि क्रोएशिया के मैरिसिक मीरान ने 230 अंक हासिल करके कांस्य पदक जीता।
ऐसे में बाबुता शुरुआती 11 शॉट के दौरान सिल्वर मेडल जीतने की पोजिशन पर थे, लेकिन उनका 13वां (9.9), 15वां (10.2) और 18वां (10.1) शॉट गलत हो गया, जिस वजह से अर्जुन बाबुता को मेडल की रेस से बाहर होना पड़ा। उनका आखिरी शॉट 9.5 का रहा। इस तरह एक बार सिल्वर के दावेदार रहे बाबुता 2024 के ओलंपिक कोई मेडल नहीं जीत सके।
फ़ाइनल में अर्जुन बाबूता का स्कोर
पहली सीरीज: 10.7, 10.2, 10.5, 10.4, 10.6, टोटल : 52.4 अंक
दूसरी सीरीज: 10.7, 10.5, 10.4, 10.6, 10.4, टोटल : 52.6 अंक
बाकी के शॉट: 10.6, 10.8, 9.9, 10.6, 10.2, 10.7, 10.5, 10.1, 10.5, 9.5
जाने अर्जुन की फ़िल्मी स्टोरी
बता दें कि स्टार निशानेबाज अर्जुन की स्टोरी काफी फिल्मी और रोचक रही है। इस स्टोरी से दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा के कोच कर्नल जेएस ढिल्लों का काफी अहम रिलेशन रहा है। कहा गया है कि निशानेबाज ढिल्लों अर्जुन की इस स्टोरी के हीरो हैं, जिनके मार्गदर्शन पर अर्जुन पेरिस ओलिंपिक तक पहुंचे और देश को मैडल जिताया।
दरअसल, मिडल क्लास परिवार में जन्मे अर्जुन बाबुता पंजाब के जलालाबाद क्षेत्र के रहने वाले हैं। वहीं से उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गृहनगर में की औरउसके बाद अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ चले गए, क्योंकि उनके पिता की भारतीय रेलवे में पोस्ट थी। इस दौरान उनकी ड्यूटी चंडीगढ़ में हो गई थी। अर्जुन ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से BA ऑनर्स की पढ़ाई की।
अर्जुन बाबुता की शूटिंग के प्रति दिलचस्पी की कहानी वाकई प्रेरणादायक है और इसमें कर्नल जेएस ढिल्लों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि 2013 में, अर्जुन की मुलाकात बिंद्रा के कोच कर्नल जेएस ढिल्लों से हुई। ढिल्लों ने अर्जुन को राइफ शूटिंग में शामिल होने का सुझाव दिया, जो उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। अर्जुन ने इस खेल में शुरुआत करने के लिए और अधिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के उद्देश्य से भारतीय ओलंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा से सलाह ली थी।
इसी तरह कर्नल ढिल्लों के सुझाव पर अर्जुन ने 10 मीटर एयर राइफल श्रेणी के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इसी प्रशिक्षण के दौरान, अर्जुन ने 2013 में चंडीगढ़ स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में अपना पहला पदक जीता।
अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट का बने हिस्सा
इसके बाद अर्जुन ने अपने प्रदर्शन में जूनियर स्तर पर कई पदक जीते हैं। इस दौरान 2015 में अर्जुन ने राष्ट्रीय शूटिंग टीम में प्रवेश किया और राष्ट्रीय कोच दीपाली देशपांडे के अधीन प्रशिक्षण लिया। इसके बाद 2016 में उन्हें जूनियर नेशनल राइफल शूटिंग टीम में सेलेक्ट किया गया और यह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए यह उनका मंच बन गया।
अर्जुन ने जीते कई मेडल
- कोरिया (2023) एशियाई चैम्पियनशिप- 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक और देश के लिए ओलंपिक 2024
- काहिरा (2022), विश्व चैम्पियनशिप - 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता
- चांगवोन (2022) आईएसएसएफ विश्व कप - व्यक्तिगत और पुरुष टीम स्पर्धाओं में 2 स्वर्ण पदक जीते
- चेंगदू (2021) विश्व विश्वविद्यालय खेल- 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते