World Mosquito Day 2024: हर साल 20 अगस्त को मनाते है विश्व मच्छर दिवस, मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना हैं इसका मुख्य मकसद

World Mosquito Day 2024: हर साल 20 अगस्त को मनाते है विश्व मच्छर दिवस, मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना हैं इसका मुख्य मकसद
Last Updated: 20 अगस्त 2024

विश्व में हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क: विश्व में हर साल 20 अगस्त को 'विश्व मच्छर दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना हैं। बता दें छोटे-छोटे मच्छर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं और यदि इलाज में देरी या लापरवाही की जाए, तो यह व्यक्ति की जान के लिए भी खतरा बन सकता है। डॉ. रोनाल्ड रॉस ने खतरनाक मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी, जो इन बीमारियों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कैसे हुई 'विश्व मच्छर दिवस' दिवस की शुरुआत

बताया गया है कि साल 1930 में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रॉपिकल मेडिसिन ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की। असल में ब्रिटिश डॉक्टर रोनाल्ड रॉस ने 20 अगस्त 1897 को मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी, जो खतरनाक मलेरिया बीमारी के लिए जिम्मेदार होता है। इस महत्वपूर्ण खोज के लिए उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

क्यों मनाया जाता है  'विश्व मच्छर दिवस'

बता दें मच्छर दुनिया के सबसे खतरनाक कीटों में से एक माने जाते हैं। इनके काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यदि इन बीमारियों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं। हर साल मच्छर जनित रोगों के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 में अफ्रीका में मच्छरों के काटने से सबसे अधिक मौतें हुई थीं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मछरों से होने वाली खतरनाक बीमारियों के प्रति जागरूक करना और बचने के उपायों के बारे में जानकारी देना हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र का मुख्य भाग है कीट

मच्छरों से होने वाले खतरों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि ये खतरनाक कीट हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में एक अहम भूमिका निभाते हैं। इनके पूर्ण रूप से विनाश से पारिस्थितिकी संतुलन प्रभावित हो सकता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए वैज्ञानिकों का सुझाव है कि हमें इन्हें समाप्त करने के बजाय इनके प्रजनन को नियंत्रित करने और इनसे उत्पन्न बीमारियों से बचाव के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

 

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