4 दिसंबर को देशभर के चुनिंदा स्कूलों में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के ‘परख’ सर्वेक्षण 2024 का उद्देश्य भारतीय शिक्षण प्रणाली के प्रभाव का गहराई से मूल्यांकन करना है। यह सर्वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के साथ तुलनात्मक जानकारी पेश करेगा, ताकि यह समझा जा सके कि किस हद तक देश की शिक्षा नीति का पालन किया जा रहा है और इसका छात्रों की शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ रहा हैं।
केंद्र सरकार और एनसीईआरटी (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) द्वारा आयोजित इस सर्वे में कक्षा तीन, छह और नौ के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इस सर्वे के तहत सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के ज्ञान, कौशल और शिक्षा के स्तर का विश्लेषण किया जाएगा।
परख सर्वेक्षण के उद्देश्यों का उद्देश्य
इस सर्वे का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों और दिशानिर्देशों के तहत भारतीय शिक्षा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं का आंकलन करना है। इस सर्वे के द्वारा यह समझने की कोशिश की जाएगी कि शिक्षा के कौन से क्षेत्र सशक्त हैं और किन-किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता हैं।
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना भी है कि स्कूलों में दिए जा रहे शिक्षण कार्यक्रम और पाठ्यक्रम बच्चों की जरूरतों और वर्तमान समय की शिक्षा प्रणाली से मेल खाते हैं या नहीं। इसके अलावा, यह सर्वे शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को मापेगा, जैसे कि अध्यापक की गुणवत्ता, पाठ्यक्रम की प्रभावशीलता और छात्र-छात्राओं की उपलब्धि।
सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु
सर्वेक्षण में शामिल छात्रों के अलावा, शिक्षकों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है। टीचरों को एक क्वेश्चनायर भरने के लिए कहा जाएगा, जिससे यह समझा जा सके कि वे किस प्रकार से पाठ्यक्रम को बच्चों तक पहुंचाते हैं और उनके शिक्षण में क्या समस्याएं आ रही हैं। स्कूल के प्रमुखों से भी एक सवालनामा लिया जाएगा, ताकि स्कूल की समग्र स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके।
इस सर्वे में विभिन्न केंद्रीय, सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र-छात्राएं भाग लेंगे, जो कक्षा तीन, छह और नौ में पढ़ रहे हैं। यह सर्वे मुख्य रूप से स्कूलों के शिक्षण स्तर और छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन करेगा।
विशेष बच्चों को मिलेगा अतिरिक्त समय
सर्वेक्षण के दौरान, विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए भी अतिरिक्त समय देने का प्रावधान रखा गया है। विशेष बच्चों के लिए आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाएगा, ताकि वे बिना किसी परेशानी के सर्वे में शामिल हो सकें। यह कदम बच्चों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया हैं।
स्कूलों के लिए निर्देश और तैयारी
शिक्षा निदेशालय ने सर्वे के आयोजन के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें स्कूलों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 4 दिसंबर को सभी स्कूलों में सर्वेक्षण से संबंधित कोई अन्य गतिविधि न हो, ताकि सभी शिक्षकों और छात्रों का ध्यान सर्वे पर केंद्रित रहे। स्कूलों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया गया है कि वे इस दिन अपने स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों को पूरी तरह से तैयार करें।
सर्वे के बाद का आंकलन और रिपोर्ट
सर्वे पूरा होने के बाद सभी सर्वे मटेरियल जैसे ओएमआर शीट्स, क्वेश्चन बुकलेट्स आदि को निरीक्षकों और आॅब्जर्वर्स के पास वापस किया जाएगा। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्कूल की तुलनात्मक रैंकिंग या स्कोरिंग नहीं की जाएगी। इस सर्वे का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा नीति के प्रति छात्रों की समझ और शिक्षण प्रणाली का मूल्यांकन करना हैं।
यह राष्ट्रीय सर्वे भारतीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों की प्रगति का महत्वपूर्ण आंकलन होगा, और यह स्कूलों और छात्रों के लिए भी एक दिशा तय करेगा। सर्वे के परिणामों के आधार पर भविष्य में सुधार की दिशा तय की जा सकेगी, जिससे देश की शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और समावेशी बनाया जा सकेगा।