Gold Medalist Avani Lekhara: अवनि के संघर्ष की कहानी, 11 साल की उम्र में सड़क हादसा, कमजोरी को ताकत बनाकर ऐसे स्टार बनी 'Golden Girl'

Gold Medalist Avani Lekhara: अवनि के संघर्ष की कहानी, 11 साल की उम्र में सड़क हादसा, कमजोरी को ताकत बनाकर ऐसे स्टार बनी 'Golden Girl'
Last Updated: 31 अगस्त 2024

अवनि लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है। अवनि की इस शानदार जीत के साथ ही भारत का मौजूदा पैरालंपिक खेलों में जीत का खाता खुल गया है। इसी इवेंट में भारत की मोना अग्रवाल ने भी कांस्य पदक जीता, जिससे भारत के पदकों की संख्या में और वृद्धि हुई है।

Avani Lekhara: अगर मन में सच्ची चाहत हो, तो किसी भी कठिनाई के बावजूद सफलता जरूर मिलती है। यही बात अवनि लेखरा के जीवन में सच साबित हुई। राजस्थान में जन्मी अवनि ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) स्पर्धा में 30 अगस्त को स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 22 साल की अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक प्राप्त कर पैरालंपिक में रिकॉर्ड बनाया है।

संघर्षो से भरा है अवनि लेखरा का जीवन

आपको बता दें कि अवनि लेखरा का जीवन काफी संघर्षों से भरा हुआ है, और उनकी कहानी भी प्रेरणा से कम नहीं है। उनका जन्म 8 नवंबर 2001 को राजस्थान में हुआ था। अवनि, जो आज भारतीय पैरालंपिक और राइफल शूटर के रूप में जानी जाती हैं, ने एक कठिन यात्रा तय की है।

साल 2012 में शिवरात्रि के दिन उनका एक गंभीर कार एक्सीडेंट हो गया, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई और उन्हें पैरालिसिस हो गया। इस हादसे ने उनकी ज़िंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। उस समय, अवनि ने हिम्मत खो दी थी और उन्हें यह नहीं पता था कि वे जीवन में आगे कैसे बढ़ेंगी।

लेकिन अवनि ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने जीवन में सकारात्मकता और दृढ़ संकल्प से बदलाव लाया, और अपने जुनून को जीवित रखते हुए शूटिंग को अपनाया। इस निर्णय ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी और उन्हें पैरालंपिक खेलों में भारत का नाम रोशन करने का मौका दिया।

पैरालंपिक में जीता गोल्ड मेडल

अवनि लेखरा की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। उनके जीवन में आई कठिनाइयों के बावजूद, उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा और उन्हें हर संभव समर्थन दिया। उनके इसी दृढ़ संकल्प और परिवार के समर्थन की वजह से ही आज अवनि ने पैरालंपिक शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।

अवनि पढ़ाई में भी बेहद होशियार हैं और उन्हें किताबें पढ़ने का शौक है। वह हर दिन खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी काफी वक्त बिताती हैं। बचपन से ही उनका सपना था कि वे जज बनकर न्याय करें, और इसके लिए वह फिलहाल लॉ की पढ़ाई कर रही हैं। अवनि का जीवन संघर्ष और सफलता का प्रतीक है, जो हर किसी के लिए एक मिसाल है।

अवनि ने कई उपलब्धियां की हासिल

पैरालंपिक गेम्स (2020)

स्वर्ण पदक: R2 - महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1

कांस्य पदक: R8 - महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन SH1

एशियाई पैरा गेम्स (2022)

स्वर्ण पदक: R2 - महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1

विश्व कप नई दिल्ली (2024)

कांस्य पदक: R2 - महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1

कांस्य पदक: R6 - मिश्रित टीम 50 मीटर राइफल प्रोन SH1

ओसिजेक विश्व कप (2023)

स्वर्ण पदक: R2 - महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1

रजत पदक: R10 - मिश्रित टीम 10 मीटर राइफल स्टैंडिंग SH1

चांगवोन विश्व कप (2023)

रजत पदक: R2 - महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1

 

 

 

 

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