Paris Paralympics 2024: पेरिस में छाई यूपी की बेटी, पैरालंपिक 2024 में रचा इतिहास, जानें कौन हैं पैरा एथलेटिक्स 'प्रीति पाल'

Paris Paralympics 2024: पेरिस में छाई यूपी की बेटी, पैरालंपिक 2024 में रचा इतिहास, जानें कौन हैं पैरा एथलेटिक्स 'प्रीति पाल'
Last Updated: 31 अगस्त 2024

प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक्स में शानदार प्रदर्शन कर भारत को पहली बार पैरा-एथलेटिक्स में मेडल दिलाया है। उन्होंने महिलाओं की T35 100 मीटर रेस में 14.21 सेकंड के समय में ब्रॉन्ज मेडल जीता, जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दर्शाता है। इस उपलब्धि ने भारत के पैरालंपिक ट्रैक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान बना दिया है।

Preethi Pal: प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में महिला T35 100 मीटर इवेंट में 14.21 सेकंड का समय दर्ज कर ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह भारत के लिए पैरालंपिक इतिहास में पैरा-एथलेटिक्स में पहला मेडल है। चीन की झू जिया ने 13.58 सेकंड में गोल्ड और गुओ कियानकियान ने 13.74 सेकंड में सिल्वर मेडल जीते। 23 वर्षीय प्रीति की यह उपलब्धि भारतीय खेलों के लिए प्रेणादायी रही है।

यूपी की बेटी ने रचा इतिहास

जानकारी के अनुसार, प्रीति पाल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था और जन्म के केवल छह दिन बाद ही उनके निचले शरीर को प्लास्टर में बांधना पड़ा क्योंकि उनके पैरों की स्थिति कमजोर और असामान्य थी। उन्हें कई बीमारियों का खतरा था, लेकिन पारंपरिक इलाज के माध्यम से उनकी स्थिति में सुधार किया गया।

इस स्थिति में प्रीति पाल ने पांच साल की उम्र में कैलिपर पहनना शुरू किया और आठ साल तक उनका इस्तेमाल किया। बहुत से लोगों ने कहा था कि उनका जिंदा रहना मुश्किल है, लेकिन प्रीति ने संघर्ष और साहस के साथ अपनी लड़ाई जारी रखी और एक सच्चे फाइटर की मिसाल पेश की।

17 की उम्र में पैरालंपिक में रखा कदम

बता दें कि 17 साल की उम्र में प्रीति का नजरिया बदल गया जब उन्होंने सोशल मीडिया पर पैरालंपिक खेलों को देखा। इस प्रेरणा से प्रभावित होकर, उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का निर्णय लिया। आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने लगातार अभ्यास किया और अपने लक्ष्य को पूरा करने की ठान ली। उनकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने पैरालंपिक एथलीट फातिमा खातून से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें पैरा-एथलेटिक्स की दिशा में मार्गदर्शन किया।

उसके बाद फातिमा खातून की मदद से प्रीति पाल ने 2018 में स्टेट पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा की और कई राष्ट्रीय आयोजनों में हिस्सा लिया। उनकी मेहनत का फल उन्हें एशियन पैरा गेम्स 2022 में मिला, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर स्प्रिंट्स में चौथा स्थान हासिल किया।

पैरा एथलेटिक्स 2024 में जीता ब्रॉन्ज मेडल

एशियन पैरा गेम्स में पदक मिलने के बावजूद प्रीति पाल ने हार नहीं मानी और पैरालंपिक खेलों पर ध्यान केंद्रित किया। दिल्ली में कोच गजेंद्र सिंह के साथ प्रशिक्षण की शुरुआत की और अपनी दौड़ की तकनीक में सुधार किया। उनके समर्पण और मेहनत का परिणाम मिला जब उन्हें वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 के लिए चुना गया, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर के पैरा इवेंट्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।

प्रीति पाल की कई उपलब्धियां

वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2024) - 2 कांस्य पदक (100 मीटर और 200 मीटर)

एशियन पैरा गेम्स (2022) - चौथा स्थान (100 मीटर और 200 मीटर)

भारतीय ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप (2024) - 2 स्वर्ण पदक

राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2024) - 2 स्वर्ण पदक

 

 

 

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