तिगरी मेले में 12 साल पहले हुए दोहरे हत्या कांड में अदालत ने आज अपना निर्णय सुनाया है और बारह साल बाद छह आरोपियों को सजा दी गई है। न्यायालय ने इन छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ छह लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें यह घटना नवंबर 2012 की हैं।
अमरोह: तिगरी मेले में 12 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में अदालत ने सभी छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 6.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें यह घटना नवंबर 2012 में गजरौला थाना क्षेत्र के गांव तिगरी में आयोजित गंगा मेले के दौरान हुई थी। मेले में मुरादाबाद जनपद के थाना छजलैट क्षेत्र के गांव मघी के निवासी शीशपाल सिंह अपने परिवार के साथ आए थे। उनके परिवार के टेंट के निकट ही रजबपुर थानाक्षेत्र के गांव घंसूरपुर के निवासी गुरदेव, अमरजीत सिंह, कमल सिंह, वीरेंद्र सिंह, अरविंद और गांव चकमजिदपुर के निवासी जयवृत सिंह के टेंट स्थापित थे।
शराब में जहर देकर मारने की थी घटना
बता दें 27 नवंबर 2012 की शाम सभी आरोपित लोगों ने शीशपाल सिंह के बेटे प्रिंस और रिश्तेदार नवनीत को नहाने के बहाने टेंट से ले गए। उन सभी ने प्रिंस और नवनीत की शराब में जहर देकर हत्या कर दी और दोनों के शव को रात के समय गंगा में बहा दिए। जब वे वापस नहीं लौटे, तो शीशपाल और अन्य परिजनों ने सभी आरोपितों से पूछताछ की, लेकिन उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया। इसलिए शीशपाल सिंह ने मेला कोतवाली में दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसी दौरान, 28 नवंबर को गंगा में प्रिंस और नवनीत के शव बरामद हुए। पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट में शराब में जहर की पुष्टि होने के बावजूद थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर शीशपाल ने न्यायालय का सहारा लिया।
घटना के कुछ दिन बाद जमानत पर जेल से आ गए थे बाहर
जानकारी के मुताबिक अदालत के आदेश पर पुलिस ने गुरुदेव सिंह, अमरजीत सिंह, कमल कुमार, वीरेंद्र कुमार, अरविंद और जयवृत सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उसके सभी को गिरफ्तार करके जेल में भेज दिया गया था, लेकिन कुछ समय के बाद में वे जमानत पर जेल से बाहर आ गए थे। अब इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट द्वितीय अरविंद कुमार शुक्ला की अदालत में जारी है। 27 अगस्त 2024 (मंगलवार) को अदालत ने इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए सभी छह आरोपियों को दोषी ठहराया था।
तीन दोषियों ने अदालत के समक्ष किया आत्मसमर्पण
सुनवाई के दौरान गुरुदेव, अमरजीत और वीरेंद्र अदालत में मौजूद थे, इसलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था। वहीं, इस दौरान गैरहाजिर रहे कमल, अरविंद और जयवृत सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। हालांकि, बाद में तीनों दोषियों ने भी अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन बंसल ने बताया कि आज शुक्रवार को अदालत ने सजा के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सभी छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 6.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया हैं।