पेरिस पैरालंपिक 2024 में मंगलवार रात भारतीय पैरा एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश के लिए पांच और पदक जीते। दिन की शुरुआत महिलाओं की 400 मीटर टी-20 दौड़ में दीप्ति जीवनजी के कांस्य पदक के साथ हुई। इसके बाद पुरुषों की भाला फेंक एफ-46 स्पर्धा में अजीत सिंह ने रजत पदक और संदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पदक जीता।
Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भातीय एथलीटों धमाल मचाया हुआ है। इसी बीच मंगलवार यानि 3 सितंबर की रात भारतीय पैरा एथलीटों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारत के लिए पांच और पदक हासिल किए। दिन की शुरुआत महिलाओं की 400 मीटर टी-20 दौड़ में दीप्ति जीवनजी के कांस्य पदक से हुई, जो भारत का दिन का पहला पदक था। इसके बाद पुरुषों की भाला फेंक एफ-46 स्पर्धा में अजीत सिंह ने रजत पदक और संदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पदक जीतकर भारत की पदक तालिका में और इजाफा किया।
पैरालंपिक के छठे दिन जीते 5 मेडल
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीटों ने एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक तालिका में अपना योगदान बढ़ाया। पुरुषों की ऊंची कूद टी-63 स्पर्धा में शरद कुमार ने पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता, जबकि मरियप्पन ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। इस प्रदर्शन के साथ, पेरिस पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 20 हो गई है, जिनमें तीन स्वर्ण, सात रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं।
इसके अलावा, पुरुषों की भाला फेंक एफ-46 स्पर्धा में अजीत सिंह ने अपने पांचवें प्रयास में 65.62 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान प्राप्त किया और रजत पदक जीता। इन सभी पदकों ने भारतीय दल की सफलता को और अधिक उज्ज्वल बना दिया है।
भारतीय एथलीटों क रहा शानदार प्रदर्शन
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय पैरा एथलीटों ने अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया। पुरुषों की भाला फेंक एफ-46 स्पर्धा में, सुंदर सिंह ने चौथे प्रयास में 64.96 मीटर का थ्रो करके कांस्य पदक जीता। दीप्ति जीवनजी ने महिलाओं की 400 मीटर टी-20 दौड़ में 55.82 सेकंड का समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक जीता। दीप्ति ने सोमवार को अपनी हीट में 55.45 सेकंड का समय निकालकर शीर्ष स्थान हासिल करते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।
हाई जम्प टी-63 स्पर्धा में शरद कुमार ने 1.88 मीटर की छलांग लगाकर नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया और रजत पदक जीता, जबकि मरियप्पन ने 1.85 मीटर की छलांग के साथ तीसरा स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक जीता। इन उपलब्धियों ने भारत की पदक तालिका को और समृद्ध किया, जिससे पेरिस पैरालंपिक में भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय बन गया।