नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित समारोह में झारखंड की बेटी पूर्णिमा महतो को पद्मश्री से सम्मानित किया है। पूर्णिमा राष्ट्रिय तीरंदाजी में द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी पुरस्कृत हैं।
Ranchi: राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सोमवार (22 अप्रैल) को झारखंड के पूर्णिमा महतो को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। पूर्णिमा झारखंड की बेटी और तीरंदाजी की दुनिया में द्रोणाचार्य के नाम से मशहूर है। अपनी लगन और मेहनत के बल पर उन्होंने न सिर्फ खुद तीरंदाजी में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, बल्कि कई तीरंदाजों को भी तैयार किया है।
द्रोणाचार्य पुरस्कार से पुरस्कृत: पूर्णिमा
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, पूर्णिमा महतो राष्ट्रीय तीरंदाजी की कोच हैं। वहीं तीरंदाजी में प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी पुरस्कृत हैं। पूर्णिमा ने मिडिया से कहा कि यह मेरे लिए गौरव का दिन है। पहले से तीरंदाजी में द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त है और अब पद्मश्री से नवाजा गया है। इसके लिए मैं अपने माता-पिता व टाटा स्टील को धन्यवाद देना चाहूंगी। तीरंदाजी प्रशिक्षण के दौरान कई बार ऐसा मौका भी आया, जब बच्चों को अकेला छोड़ना पड़ा। मां-पिता व पति ने उनकी देखभाल की। आज जब यह सम्मान मिला है तो उन्हें समर्पित किए बगैर यह अधूरा है।''
पूर्णिमा का पद्मश्री तक का सफर
बताया जा रहा है कि पूर्णिमा ने स्वयं न केवल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कई पदक जीते, बल्कि कई दिग्गज तीरंदाजों को भी प्रशिक्षित किया। फ़िलहाल, वे तीरंदाजी की कोच हैं।
पूर्णिमा का 1992 में राज्य तीरंदाजी टीम में पहली बार चयन हुआ। जानकारी के अनुसार वह कई वर्षो तक राष्ट्रीय चैंपियन रहीं। 1993 में अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी की टीम स्पद्र्धा में पदक जीतने वाली पूर्णिमा ने पुणे में 1994 में आयोजित नेशनल गेम्स में 6 स्वर्ण जीतकर नाम रोशन किया।
वहीं 1994 में आयोजित एशियाई गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पूर्णिमा महतो ने 1997 में सीनियर नेशनल में रिकार्ड के साथ दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। इनके अलावा 1998 कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत हासिल करने वाली बिरसानगर की इस बेटी ने 1994 में टाटा तीरंदाजी एकेडमी में प्रशिक्षण देना शुरू किया। पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2005 में स्पेन में आयोजित भारतीय टीम ने रजत पदक और 2007 में सीनियर एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में पुरुष टीम ने स्वर्ण व महिला टीम ने कांस्य पदक जीता।
शंघाई के लिए हुई रवाना: पूर्णिमा
subkuz.com को दी गई जानकारी के मुताबिक पूर्णिमा राष्ट्रपति भवन में सोमवार (22 अप्रैल) शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मानित होने के बाद सीधे शंघाई के लिए रवाना हो गई, जहां विश्वकप तीरंदाजी का प्रथम चरण का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि इस प्रतियोगिता में किए गए प्रदर्शन के आधार पर भारत का पेरिस ओलंपिक के लिए टिकट मिल सकता है।