फ्रेंच ओपन 2025 के महिला सिंगल्स फाइनल में वर्ल्ड नंबर-2 कोको गॉफ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आर्यना सबालेंका को तीन सेटों तक चले कड़े मुकाबले में 2-1 से हराकर इतिहास रच दिया है। इस जीत के साथ कोको गॉफ ने अपने करियर का पहला फ्रेंच ओपन खिताब जीत लिया है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: पेरिस के रोलां गैरोस कोर्ट पर इतिहास रचते हुए अमेरिका की युवा टेनिस सनसनी कोको गॉफ ने अपने करियर का पहला फ्रेंच ओपन और दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिया है। महिला सिंगल्स के इस रोमांचक फाइनल मुकाबले में उन्होंने वर्ल्ड नंबर-1 और खिताब की प्रबल दावेदार आर्यना सबालेंका को तीन सेट तक चले संघर्षपूर्ण मैच में हराकर 2-1 से जीत दर्ज की।
गॉफ के लिए यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उनके करियर के उस अधूरे अध्याय को पूरा करने जैसा था, जो 2022 के फाइनल में इगा स्वियातेक से हार के बाद अधूरा रह गया था। इस बार उन्होंने सबक लेकर वापसी की और 2 घंटे 38 मिनट तक चले इस मुकाबले में अपनी मानसिक और शारीरिक मजबूती का परिचय दिया।
पहला सेट: सबालेंका ने दिखाई नंबर-1 की झलक
मैच की शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों के बीच बराबरी की टक्कर देखने को मिली। कोर्ट पर सबालेंका की आक्रामकता और गॉफ की चतुराई दोनों ही दिखाई दी। पहला सेट टाई-ब्रेक में पहुंचा, जहां सबालेंका ने अनुभव का फायदा उठाते हुए 7-6 (7-4) से बढ़त बना ली। कोको गॉफ को शुरुआती सेट में अपनी सर्व पर नियंत्रण में थोड़ी परेशानी आई, जिसका सबालेंका ने भरपूर लाभ उठाया।
दूसरा सेट: गॉफ की वापसी, सबालेंका चौंकीं
पहले सेट में हार के बाद गॉफ ने अपने खेल में जबरदस्त सुधार किया। उन्होंने न केवल सर्व की गति और दिशा में विविधता लाई, बल्कि बेसलाइन से सटीक बैकहैंड और क्रॉस-कोर्ट विनर से सबालेंका को चौंका दिया। परिणामस्वरूप, गॉफ ने यह सेट 6-2 से बड़ी आसानी से अपने नाम किया और मैच को बराबरी पर ला दिया।
तीसरा सेट: दबाव में चमकी कोको, सपना हुआ साकार
निर्णायक तीसरे सेट में शुरुआत से ही गॉफ ने मानसिक बढ़त बनाई रखी। हालांकि सबालेंका ने कई बार वापसी की कोशिश की, लेकिन गॉफ की चपलता और धैर्य ने उन्हें हर बार रोक दिया। गॉफ ने अहम पलों पर अपने अनुभव का परिचय देते हुए तीसरा सेट 6-4 से जीतकर फ्रेंच ओपन 2025 की ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया।
जैसे ही अंतिम शॉट कोर्ट में गिरा और सबालेंका की रिटर्न नेट पर अटक गई, गॉफ घुटनों पर बैठ गईं, फिर भावुक होकर कोर्ट पर लेट गईं। उनके चेहरे पर राहत, गर्व और भावनाओं का मिला-जुला भाव था। यह जीत केवल एक मुकाबला नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत का फल थी।
18 से 21 की उम्र तक दो ग्रैंड स्लैम: भविष्य की क्वीन?
गॉफ ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम 2023 में यूएस ओपन के रूप में 18 साल की उम्र में जीता था। अब तीन साल बाद, 21 की उम्र में उन्होंने लाल मिट्टी की इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को भी अपने नाम कर लिया है। यह जीत गॉफ को सिर्फ नंबर-2 की कुर्सी पर ही नहीं, बल्कि भविष्य में नंबर-1 बनने के लिए मजबूत दावेदार भी बनाती है। उनके खेल में जो निरंतरता और परिपक्वता आई है, वह आने वाले वर्षों में उन्हें टेनिस की नई महारानी बना सकती है।