भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा को और सख्त करने के लिए एक नई तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। असम स्थित IIT गुवाहाटी से जुड़े एक स्टार्टअप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संचालित रोबोट विकसित किए हैं, जो सीमावर्ती इलाकों में रियल टाइम निगरानी कर सकते हैं। इन रोबोट्स की खासियत यह है कि ये ऑटोनॉमस यानी बिना किसी इंसानी मदद के काम करने में सक्षम हैं। भारतीय सेना ने इनकी फील्ड टेस्टिंग शुरू कर दी है और माना जा रहा है कि ये सुरक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
IIT गुवाहाटी के स्टार्टअप ने तैयार किए AI रोबोट
इस खास तकनीक को IIT गुवाहाटी के टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़े स्टार्टअप ‘डा स्पाटियो रोबोटिक लैबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड (DSRL)’ ने विकसित किया है। इस स्टार्टअप के सीईओ अर्नब कुमार बर्मन के अनुसार, ये AI आधारित रोबोट्स कई जटिल सुरक्षा समस्याओं का हल कर सकते हैं। इन रोबोट्स में ऊंचे खंभों पर चढ़ने की क्षमता, बाधाओं को पार करने की स्मार्ट तकनीक और उन्नत निगरानी जैसी सुविधाएं दी गई हैं।
सेना ने शुरू की फील्ड टेस्टिंग
भारतीय सेना ने इन AI रोबोट्स की टेस्टिंग शुरू कर दी है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये रोबोट कठिन इलाकों में भी आसानी से काम कर सकते हैं। ये न केवल रात के अंधेरे में बल्कि खराब मौसम में भी प्रभावी तरीके से ऑपरेट करने में सक्षम हैं। सीमा सुरक्षा की दृष्टि से यह एक गेम-चेंजर तकनीक साबित हो सकती है, जिससे घुसपैठ और अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
DRDO ने दी मान्यता, बढ़ेगी उपयोगिता
इस तकनीक को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) से भी मान्यता मिल चुकी है, जिससे इसे देश की रक्षा प्रणाली में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। IIT गुवाहाटी के टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर के प्रमुख केयूर सोरठिया ने बताया कि यह इनोवेशन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को हाई-टेक सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराने का भी प्रतीक है।
खतरनाक इलाकों में निगरानी के लिए फायदेमंद
ये AI रोबोट उन इलाकों में खासतौर पर उपयोगी साबित हो सकते हैं, जहां इंसानी निगरानी कठिन होती है। इनकी क्षमता दिन-रात काम करने, प्रतिकूल मौसम का सामना करने और दुश्मनों की हलचल पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इन रोबोट्स के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल से देश की सुरक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।