ISRO को मिली चंद्रयान-5 मिशन की मंजूरी, 250 KG का रोवर करेगा गहराई से जांच

ISRO को मिली चंद्रयान-5 मिशन की मंजूरी, 250 KG का रोवर करेगा गहराई से जांच
अंतिम अपडेट: 9 घंटा पहले

भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक मिशन की ओर कदम बढ़ा दिया है। भारत सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को हरी झंडी दे दी है, जो चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन करेगा।

बेंगलुरु: भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक मिशन की ओर कदम बढ़ा दिया है। भारत सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को हरी झंडी दे दी है, जो चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन करेगा। इस मिशन के तहत एक 250 किलोग्राम वजनी रोवर चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जो वहां के भू-भाग, खनिज संरचना और सतह की विशेषताओं की गहन जांच करेगा।

2027 में लॉन्च होगा चंद्रयान-4

ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में इस मिशन की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि सरकार ने तीन दिन पहले ही इस मिशन को स्वीकृति प्रदान की है। चंद्रयान-5 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए जापान भी इस मिशन में भारत का सहयोग करेगा। इससे पहले भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा से मिट्टी और चट्टानों के नमूने लाकर पृथ्वी पर अध्ययन करना है। यह मिशन वैज्ञानिकों को चंद्रमा की उत्पत्ति और उसकी सतह की संरचना को समझने में मदद करेगा।

चंद्रयान मिशन: भारत का शानदार सफर

भारत ने 2008 में चंद्रयान-1 लॉन्च किया था, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी के प्रमाण खोजे थे। इसके बाद चंद्रयान-2 मिशन 2019 में भेजा गया, हालांकि इसका लैंडर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक नहीं उतर पाया। फिर 2023 में चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग की, जिससे भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया।

भारत 2028 में अपना पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान भी लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की निचली कक्षा में रहकर प्रयोग करेंगे। यह मिशन भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशन के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

आने वाले सालों में भारत का अंतरिक्ष में बड़ा कदम

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। चंद्रयान-5 का उन्नत रोवर चंद्रमा की सतह का अभी तक का सबसे विस्तृत अध्ययन करेगा, जिससे इस रहस्यमयी ग्रह के बारे में और अधिक वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त होगी। इसके साथ ही, भारत का चंद्रमा से सैंपल लाने वाला चंद्रयान-4 मिशन भी अंतरिक्ष अनुसंधान में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। ISRO के इन महत्वाकांक्षी मिशनों से भारत वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा हैं।

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