Bihar FM Channels Will Open: बिहार के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, एक बार फिर से शुरू होगा रेडियो का दौर, आरा समेत 18 शहरों में खुलेंगे नए FM चैनल

Bihar FM Channels Will Open: बिहार के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, एक बार फिर से शुरू होगा रेडियो का दौर, आरा समेत 18 शहरों में खुलेंगे नए FM चैनल
Last Updated: 29 अगस्त 2024

बिहार के निवासियों के लिए एक सुखद समाचार आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के 18 शहरों में एफएम चैनलों की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसका मतलब है कि बिहार में रेडियो का दौर एक बार फिर से शुरू होने जा रहा हैं।

पटना: आरा सहित बिहार के 18 जिलों में रेडियो का एक नया दौर आने वाला है। चाहे आप सफर पर हों, घर पर हों या कहीं और रेडियो आपके बोरिंगपन को दूर करने में सहायक होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निजी एफएम रेडियो चरण तीन नीति के तहत देशभर के 234 नए शहरों में एफएम चैनल स्थापित करने की अनुमति दी है। इस एफएम चैनल पर आप हिंदी और भोजपुरी के गाने सुनने के साथ-साथ स्थानीय भाषा में भी संगीत का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा घर में बैठी महिलाओं के लिए लोकगीत भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

बिहार के 18 शहरों में खुलेंगे नए एफएम चैनल

बिहार के आरा, औरंगाबाद, बगहा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, छपरा, दरभंगा, गया, किशनगंज, मोतिहारी, मुंगेर, पूर्णिया, सहरसा, सासाराम, सिवान, और सीतामढ़ी में अब एफएम चैनल (FM Channel) शुरू किए जाएंगे। बक्सर में पहले से ही एफएम बैंड स्थापित है, जहाँ विविध भारती के साथ एफएम रेनवो पर गाने और आवश्यक जानकारी श्रोताओं के साथ साझा की जाती है। पहले, एंम्प्लीट्यूड मॉड्यूलेशन पर आधारित रेडियो स्टेशन हुआ करते थे, जब पटना आकाशवाणी और विविध भारती के स्टेशनों से प्रसारित कार्यक्रम आरा में भी सुने जाते थे। लगभग 15 वर्षों से रेडियो स्टेशन का प्रसारण फ़्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन (एफएम) पर किया जा रहा हैं।

बताया कि इससे प्रसारण की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ और रेडियो में बैंड बदलने की आवश्यकता खत्म हो गई। हालांकि, एफएम बैंड में प्रसारण का दायरा सीमित होने के कारण इसकी फ्रीक्वेंसी आरा में सुनी नहीं जा पाती। इस कारण से पिछले डेढ़ दशक में शहर में रेडियो का प्रचलन लगभग समाप्त हो गया है। कुछ रेडियो प्रेमी इंटरनेट के माध्यम से रेडियो सुनते हैं, लेकिन इसमें डेटा का खर्च अधिक होता हैं।

आरा में लंबे समय से की जा रही थी एफएम रेडियो की मांग

जानकारी के मुताबिक आरा में लंबे समय से एफएम रेडियो स्थापित करने की मांग उठ रही थी। सरकार का यह मानना है कि निजी एफएम रेडियो के शुरू होने से इन शहरों और कस्बों में एफएम रेडियो की अधूरी आवश्यकता पूरी होगी। इससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, स्थानीय बोलियों और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही ''वोकल फॉर लोकल'' पहल को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

 

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