साइबर ठगी की घटनाएं देशभर में तेजी से बढ़ रही हैं। हर दिन कोई न कोई आम नागरिक ऑनलाइन जालसाजों का शिकार बन रहा है। कभी केवाईसी अपडेट के नाम पर झांसा दिया जाता है, तो कभी फर्जी लिंक भेजकर बैंक अकाउंट खाली कर दिए जाते हैं। इन घटनाओं के बाद भी पीड़ित अक्सर रिपोर्ट नहीं कर पाते क्योंकि एफआईआर दर्ज करवाने की प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है। लेकिन अब सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है — e-Zero FIR सिस्टम।
क्या है e-Zero FIR?
e-Zero FIR एक ऐसा डिजिटल सिस्टम है, जिसके तहत साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करवाने के लिए आपको पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं होगी। अब सिर्फ 1930 पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं और यह कॉल अपने आप एफआईआर के बराबर मानी जाएगी। यानी पीड़ित को अब थाने के चक्कर काटने की झंझट से मुक्ति मिल गई है।
साइबर ठगी से निपटने के लिए नया सिस्टम
सरकार का यह नया सिस्टम एक तरह से साइबर ठगों के खिलाफ डिजिटल हथियार बनकर आया है। क्योंकि इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य है – तेज़ी से कार्रवाई और ठगों के पैसे को ट्रैक कर पाना। जब भी कोई साइबर फ्रॉड होता है, तो ठग बहुत कम समय में रकम को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसे में यदि समय रहते शिकायत दर्ज हो जाए, तो बैंक या संबंधित एजेंसी पैसे को फ्रीज़ कर सकती है।
इसी सोच के साथ सरकार ने ‘Golden Hour’ कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मतलब – फ्रॉड के तुरंत बाद अगर आप शिकायत करते हैं, तो आपके पैसे को ब्लॉक करने का चांस सबसे ज्यादा होगा।
शुरुआत दिल्ली से, धीरे-धीरे देशभर में विस्तार
फिलहाल e-Zero FIR सिस्टम को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। शुरुआती चरण में सरकार ने इसका इस्तेमाल उच्च-मूल्य (High-Value) साइबर ठगी के मामलों में किया है, जहां ठगी की रकम 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा होती है।
इसका उद्देश्य यह है कि बड़े फ्रॉड केसों में तेजी से एक्शन लिया जाए और आम लोगों का भरोसा सिस्टम पर मजबूत हो। सरकार की योजना है कि इस सिस्टम को आने वाले समय में पूरे देश में और छोटे फ्रॉड मामलों तक भी विस्तारित किया जाएगा।
पोर्टल से शिकायत? वो भी होगी एफआईआर
यदि कोई व्यक्ति 1930 पर कॉल नहीं कर पाता है, तो वह राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर भी जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है। अच्छी बात यह है कि यहां दर्ज की गई शिकायतें भी सीधी एफआईआर मानी जाएंगी।
इन शिकायतों को दिल्ली स्थित e-Crime Police Station में रजिस्टर किया जाएगा, जहां से उन्हें संबंधित राज्य या शहर की साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यानी दिल्ली में बैठकर भी आप देश के किसी भी कोने से अपने साथ हुई ठगी की शिकायत आसानी से दर्ज करवा सकते हैं।
क्यों है यह सिस्टम खास?
e-Zero FIR सिर्फ एक टेक्निकल टूल नहीं है, बल्कि यह आम जनता के विश्वास और डिजिटल सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है। इसके माध्यम से अब नागरिकों को यह भरोसा मिलेगा कि अगर उनके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है, तो वो अकेले नहीं हैं। अब उन्हें समय पर मदद मिलेगी और उनके पैसे को बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
इस सिस्टम की कुछ खास बातें:
- केवल एक कॉल से शिकायत दर्ज — कोई पेपरवर्क नहीं
- ऑनलाइन पोर्टल से भी सीधे एफआईआर
- Golden Hour में पैसे को ट्रैक करने की सुविधा
- शुरुआत में 10 लाख से ज्यादा की ठगी पर फोकस
- पूरे देश में डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा
लोगों के लिए राहत की सांस
e-Zero FIR सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा आम नागरिकों को मिलेगा। अक्सर देखा गया है कि पीड़ित व्यक्ति मानसिक तनाव और डर के कारण रिपोर्ट ही नहीं करता। कई बार पुलिस थानों में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती या कई दिन लग जाते हैं। लेकिन अब यह सारा प्रोसेस एक कॉल या कुछ क्लिक पर आधारित है।
अगर आपके साथ या आपके जानने वाले के साथ कोई ऑनलाइन ठगी होती है, तो तुरंत:
- 1930 पर कॉल करें
- या cybercrime.gov.in पर जाएं
- अपनी डिटेल्स दें और मामला दर्ज करवाएं
- बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स तुरंत साझा करें
टेक्नोलॉजी से न्याय और सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम
सरकार ने अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिर्फ हमारी जिंदगी आसान बनाने के लिए नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा और न्याय के लिए भी करना शुरू कर दिया है। नया e-Zero FIR सिस्टम जल्द ही पूरे देश में लागू होगा, जिससे साइबर ठगी जैसी समस्याओं से लड़ना और भी आसान हो जाएगा। यह कदम भारत को साइबर सुरक्षा के मामले में एक मजबूत और भरोसेमंद देश बनाएगा।
अब हर नागरिक के लिए जरूरी है कि वह इस नए सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी रखे और जब जरूरत हो, इसका सही तरीके से इस्तेमाल करे। क्योंकि अब सरकार आपके साथ है, तेज़, तकनीकी और पूरी तरह से तैयार, ताकि आप साइबर ठगों से सुरक्षित रह सकें।