Google पर फिर बढ़ा दबाव, क्या बिक जाएगा Chrome ब्राउज़र?

Google पर फिर बढ़ा दबाव, क्या बिक जाएगा Chrome ब्राउज़र?
अंतिम अपडेट: 7 घंटा पहले

अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने एक बार फिर Google पर Chrome ब्राउज़र बेचने का दबाव बनाया है। विभाग का मानना है कि Google का ऑनलाइन सर्च पर एकाधिकार है और Chrome ब्राउज़र को बेचने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। DOJ चाहता है कि Google आईफोन और Mozilla जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने से भी दूर रहे। हालांकि, Google का कहना है कि उसके साझेदारों को अलग सर्च इंजन चुनने की पूरी अनुमति दी जानी चाहिए।

पहले भी Google को Chrome ब्राउज़र बेचने का दबाव

Google पर यह पहली बार नहीं है जब Chrome ब्राउज़र को बेचने का दबाव बनाया गया है। पहली बार नवंबर 2024 में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। अब DOJ ने एक बार फिर Google से Chrome ब्राउज़र बेचने की सलाह दी है।

आपका सवाल हो सकता है कि Google के प्रोडक्ट पर कोर्ट दबाव कैसे बना सकता है? दरअसल, Google का ऑनलाइन सर्च में इतना दबदबा है कि इसका मुकाबला करना अन्य कंपनियों के लिए मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से DOJ यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बाकी कंपनियों को भी समान अवसर मिलें।

Google से हट जाएगा सर्च इंजन का कंट्रोल?

Android Authority की रिपोर्ट के मुताबिक, DOJ की यह कार्रवाई Google के सर्च इंजन पर नियंत्रण को कमजोर कर सकती है। New York Times की रिपोर्ट के अनुसार, Google Chrome ब्राउज़र लाखों-करोड़ों मोबाइल यूज़र्स के लिए प्राथमिक सर्चिंग प्लेटफॉर्म है। अगर Google अपना Chrome ब्राउज़र बेच देता है, तो इसका सीधा असर Google के क्रिटिकल सर्च प्वाइंट पर पड़ेगा। साथ ही, अन्य सर्च इंजन कंपनियों को प्रतिस्पर्धा का सही मौका मिलेगा।

क्या iPhone में डिफॉल्ट सर्च इंजन नहीं होगा Google?

DOJ केवल Chrome ब्राउज़र को बेचने तक ही सीमित नहीं है। वे यह भी चाहते हैं कि Google को Apple और Mozilla जैसी कंपनियों के डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने से रोका जाए। जो लोग इस बारे में नहीं जानते, उन्हें बता दें कि Google हर साल Apple को अरबों रुपये का भुगतान करता है ताकि iPhones और iPads में Google Search डिफॉल्ट सर्च इंजन बना रहे।

Google पर गलत व्यापारिक प्रैक्टिस का आरोप

DOJ का कहना है कि Google की यह रणनीति बाजार में प्रतिस्पर्धा के खिलाफ है और यह मार्केटप्लेस के संतुलन को बिगाड़ रही है। Google पर पहले भी कई बार इसी तरह के आरोप लगे हैं, लेकिन कंपनी अपने सर्च इंजन से होने वाली मोटी कमाई के कारण पीछे हटने को तैयार नहीं है। Google का कहना है कि उसे Apple और Mozilla जैसे साझेदारों के साथ डिफॉल्ट सर्च इंजन के लिए भुगतान करने की सुविधा जारी रखनी चाहिए। कंपनी ने यह भी सुझाव दिया कि Apple को अपने iPhones और iPads के लिए विभिन्न डिफॉल्ट सर्च इंजन चुनने का विकल्प देना चाहिए।

क्या Google Chrome को बेचेगा?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या Google वाकई में Chrome ब्राउज़र को बेच देगा? DOJ की तरफ से बढ़ते दबाव को देखते हुए Google को कोई बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है। हालांकि, कंपनी फिलहाल अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रही है।

Leave a comment