Zerodha: क्या अब बैंक खोलने जा रही है? जानिए निखिल और नितिन कामत का अगला प्लान

Zerodha: क्या अब बैंक खोलने जा रही है? जानिए निखिल और नितिन कामत का अगला प्लान
Last Updated: 13 अक्टूबर 2024

कामत ब्रदर्स का कहना है कि हम बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही, कंपनी बीमा क्षेत्र में भी नए अवसरों की तलाश कर रही है।

Zerodha: ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा (Zerodha) ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार पहचान बनाई है। इसके संस्थापकों निखिल कामत (Nikhil Kamath) और नितिन कामत (Nithin Kamath) की सोशल मीडिया पर सक्रियता ने इस कंपनी को बहुत प्रसिद्धि दिलाई है।

वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का लाभ 62 प्रतिशत बढ़कर 4700 करोड़ रुपये और राजस्व 21 प्रतिशत बढ़कर 8320 करोड़ रुपये पहुंच गया है। अब कंपनी अपने अगले लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। कामत ब्रदर्स अब जेरोधा को एक बैंक में परिवर्तित करने पर विचार कर रहे हैं।

बैंक लाइसेंस प्राप्त करने की कोशिश

निखिल कामत ने हाल ही में यह जानकारी दी कि वे जेरोधा को बैंक में बदलने के बारे में गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इसके लिए वे कई सालों से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। निखिल कामत ने बताया कि हम बैंक लाइसेंस प्राप्त करने में असफल हैं। जेरोधा, स्टॉक ब्रोकिंग बाजार में ग्रो (Groww) के बाद दूसरे स्थान पर है। जहां ग्रो के पास बाजार में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है, वहीं जेरोधा का हिस्सा 17 प्रतिशत है।

वित्तीय क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला

निखिल कामत ने सीएनबीसी टीवी 18 को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हमें इतनी बड़ी मात्रा में पैसे का क्या करना है। हम आराम से बैठकर नहीं रहना चाहते, बल्कि हम बैंक बनना चाहते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में हम सफल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने जेरोधा की स्थिति को डेविड बनाम गोलियत की कहानी के समान बताया। उन्होंने कहा कि हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन वित्तीय क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला भी करना पड़ रहा है। उनके पास विशाल मात्रा में पैसे और संसाधन हैं, जबकि हम एक छोटी सी टीम के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

पब्लिक मार्केट में निवेश और बीमा क्षेत्र में संभावनाओं की खोज

जेरोधा के CEO नितिन कामर ने कहा कि हमारे लिए एक और बड़ी चुनौती सेबी (SEBI) के लगातार परिवर्तित होते नियम हैं। एफएंडओ (फ्यूचर्स और ऑप्शंस) से संबंधित सेबी के नए नियम नवंबर में लागू होंगे। ये कंपनी के कुल कारोबार पर लगभग 30 फीसदी और एफएंडओ व्यवसाय पर करीब 60 फीसदी प्रभाव डाल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम नियामक नियमों के अधीन हैं। इसी कारण, हम अपने व्यवसाय को विभिन्न क्षेत्रों में विस्तारित करना चाहते हैं। बैंकिंग लाइसेंस हमारी प्राथमिकता है। इसके साथ ही, हम पब्लिक मार्केट में निवेश और बीमा क्षेत्र में भी नई संभावनाएं तलाश रहे हैं।

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