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Belrise IPO: ऑटो सेक्टर में निवेश का मौका, अगले हफ्ते खुल रहा Belrise Industries का IPO, जानिए प्राइस बैंड और डिटेल्स

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बेलराइज इंडस्ट्रीज टू-व्हीलर से लेकर हेवी कमर्शियल व्हीकल तक के लिए सुरक्षा से जुड़े उपकरणों का निर्माण करती है। कंपनी न केवल भारत में बल्कि इंग्लैंड, जापान जैसे देशों में भी अपने उत्पादों का निर्यात करती है। आगामी IPO से मिलने वाली पूंजी का लगभग 75% हिस्सा कंपनी अपने पुराने ऋण को चुकाने में इस्तेमाल करने वाली है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति और मजबूत हो सकेगी।

नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर के लिए कंपोनेंट्स बनाने वाली बेलराइज इंडस्ट्रीज अपने पब्लिक इश्यू के ज़रिए निवेशकों से करीब ₹2150 करोड़ जुटाने जा रही है। यह आईपीओ 21 मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 23 मई को बंद हो जाएगा। एंकर इन्वेस्टर्स के लिए बिडिंग 20 मई को आयोजित की जाएगी।

कंपनी ने Belrise IPO के लिए ₹85 से ₹90 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के मुताबिक, जुटाई गई रकम में से ₹1618 करोड़ का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्ज को चुकाने में करेगी। गौरतलब है कि दिसंबर 2024 तक कंपनी पर लगभग ₹2600 करोड़ का कर्ज बकाया था।

क्या करती है बेलराइज इंडस्ट्रीज? 

बेलराइज इंडस्ट्रीज एक अग्रणी ऑटो कंपोनेंट निर्माता कंपनी है, जो टू-व्हीलर से लेकर कमर्शियल व्हीकल्स तक के लिए सेफ्टी और परफॉर्मेंस आधारित सिस्टम तैयार करती है। कंपनी का कारोबार सिर्फ मेटल फैब्रिकेशन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पॉलीमर बेस्ड कंपोनेंट्स, टू-व्हीलर मिरर्स, सस्पेंशन सिस्टम्स और सब-असेंबली यूनिट्स की मैन्युफैक्चरिंग भी करती है।

बेलराइज इंडस्ट्रीज की पहुंच न केवल भारत तक है, बल्कि इसका एक्सपोर्ट नेटवर्क भी मजबूत है। कंपनी अपने उत्पाद ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया, इंग्लैंड, जापान और थाईलैंड जैसे देशों को निर्यात करती है। इसके प्रमुख ग्राहकों में बजाज ऑटो, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (HMSI), हीरो मोटोकॉर्प, रॉयल एनफील्ड और जगुआर लैंड रोवर जैसे नामी ब्रांड शामिल हैं।

बेलराइज इंडस्ट्रीज की वित्तीय स्थिति

बेलराइज इंडस्ट्रीज की वित्तीय परफॉर्मेंस बीते कुछ वर्षों में लगातार बेहतर रही है। मौजूदा समय में कंपनी के पास भारत में कुल 17 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जो इसके संचालन के मजबूत आधार को दर्शाती हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 7,484.24 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो एक साल पहले 2022-23 में दर्ज 6,582.50 करोड़ रुपये की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

हालांकि प्रॉफिट के मोर्चे पर कंपनी ने थोड़ी स्थिरता दिखाई। FY24 में इसका नेट प्रॉफिट 310.18 करोड़ रुपये रहा, जबकि FY23 में यह आंकड़ा 313.66 करोड़ रुपये था।

आईपीओ स्ट्रक्चर की बात करें तो कंपनी ने कुल इश्यू का 50% हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए आरक्षित किया है। वहीं 35% हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए और शेष 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए निर्धारित किया गया है। इच्छुक निवेशकों को कम से कम 166 शेयरों के लॉट में आवेदन करना होगा।

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