पिछले महीने ही हुडई का आईपीओ आया था, जिसे देश का सबसे बड़ा आईपीओ कहा गया था। लेकिन अब यह रिकॉर्ड कभी भी टूट सकता है। दरअसल, देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है, और वह है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का आईपीओ।
NSE IPO Date: दक्षिण कोरियाई कार निर्माता कंपनी हुंडई का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था, लेकिन अब इस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी है। जी हां, यह तैयारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की है, जो अपना आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना रहा है। फिलहाल, एनएसई को इस आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का आईपीओ
NSE के चीफ बिजनेस ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका आईपीओ भारत का सबसे बड़ा आईपीओ बन सकता है। उन्होंने बताया कि इस आईपीओ का मुख्य उद्देश्य प्राइस डिस्कवरी नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। इस समय भारत में हुंडई का आईपीओ सबसे बड़ा माना जाता है।
एनएसई का बाजार मूल्यांकन
एनएसई चीफ के अनुसार, इस समय एनएसई का बाजार मूल्यांकन लगभग 4.75 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के रूप में एनएसई को बाजार के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। कृष्णन ने यह भी स्पष्ट किया कि आईपीओ का मूल्य निर्धारण कोई समस्या नहीं है, क्योंकि एक्सचेंज के पास कोई प्रमोटर नहीं है। उनका कहना था, "हम एक अर्ध-वाणिज्यिक संगठन हैं।"
सबसे बड़ा आईपीओ कैसे होगा?
NSE के शेयर गैर-सूचीबद्ध बाजार में काफी लोकप्रिय हैं, जिनके लगभग 20,000 शेयरधारक हैं। हाल ही में कंपनी ने 4:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए थे। इसके बाद, एनएसई के शेयर लगभग 2,000 रुपये प्रति यूनिट पर कारोबार कर रहे हैं। इस हिसाब से, एक्सचेंज का मौजूदा बाजार पूंजीकरण करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये है। अगर एनएसई आईपीओ में 10% इक्विटी बेचने का निर्णय लेता है, तो इसका आकार लगभग 47,500 करोड़ रुपये हो सकता है। इस तरह, यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा।
अभी सेबी की मंजूरी का इंतजार
एनएसई ने आईपीओ के लिए कागजात दाखिल करने के लिए सेबी की मंजूरी का इंतजार किया है। अधिकारियों ने कहा, "जैसे ही मंजूरी मिलेगी, हम आईपीओ की प्रक्रिया शुरू करेंगे।" यह ध्यान देने योग्य है कि एनएसई को 2016 में अपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करने के बाद से ही देरी का सामना करना पड़ा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण को-लोकेशन घोटाले का आरोप था, जिसमें कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के सिस्टम, डेटा और ट्रेडिंग सुविधाओं तक जल्दी पहुंच हासिल कर अनधिकृत लाभ लिया।
आईपीओ के रास्ते में सेबी का फैसला
हालांकि, सेबी ने पिछले महीने एनएसई और उसके अधिकारियों रवि नारायण, चित्रा रामकृष्ण, और अन्य के खिलाफ कोई भौतिक साक्ष्य की कमी का हवाला देते हुए मामले को निपटाया। एनएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने हाल ही में कहा था कि एक्सचेंज सेबी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने के बाद ही डीआरएचपी को तैयार कर पाएगा।