आज अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रा के शेयरों पर निवेशकों का फोकस रहने वाला है, और इसमें बढ़त देखने को मिल सकती है। दरअसल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरधारकों ने प्रिफरेंशियल इश्यू और योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 6,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा और संभावित रूप से शेयर की कीमतों में वृद्धि कर सकता है।
नई दिल्ली: सोमवार को दो दिन के साप्ताहिक अवकाश के बाद बाजार अपने नियमित समय पर कामकाज शुरू करेगा। इस दौरान कई स्टॉक्स पर निवेशकों का खास ध्यान रहेगा। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रा के शेयरों पर भी निवेशकों का फोकस रहने वाला है, और इसमें बढ़त देखने को मिल सकती है।
दरअसल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरधारकों ने प्रिफरेंशियल इश्यू और योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 6,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी कंपनी ने रविवार को एक्सचेंज फाइलिंग में दी।
19 सितंबर को 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी
कंपनी ने फाइलिंग में बताया कि डाक मतपत्र के माध्यम से प्रस्तावों के पक्ष में 98 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने 19 सितंबर को 6,000 करोड़ रुपये की फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी।
इसमें से 3,014 करोड़ रुपये शेयरों या परिवर्तनीय वारंट के तरजीही आवंटन के माध्यम से जुटाए जाने थे, जबकि 3,000 करोड़ रुपये योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से जुटाए जाएंगे। यह कदम कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा और बाजार में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इश्यू प्राइस और प्रिफरेंशियल प्लेसमेंट की जानकारी
कंपनी पहले चरण में 240 रुपये प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर 12.56 करोड़ इक्विटी शेयर या परिवर्तनीय वारंट जारी करके 3,014 करोड़ रुपये का प्रिफरेंशियल प्लेसमेंट शुरू कर रही है। इसमें से 1,104 करोड़ रुपये रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमोटर कंपनी राइज इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से निवेश किए जाएंगे, जो 4.60 करोड़ शेयर सब्सक्राइब करेगी।
शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए रिलायंस इंफ्रा के शेयर
शुक्रवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयर 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 281 रुपये पर बंद हुए। पिछले एक महीने में इस स्टॉक ने 14 प्रतिशत का नुकसान देखा है। वहीं, 6 महीने की अवधि में इसे 40 प्रतिशत से अधिक का लाभ मिला है, जबकि एक साल में निवेशकों को 65 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न प्राप्त हुआ है।