शेयर बाजार से एफपीआई की निकासी जारी, फरवरी में केवल दो दिन का ब्रेक, देखें रिकॉर्ड

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फरवरी में FPI ने भारी बिकवाली करते हुए 34,574 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। निफ्टी 5.9% गिरा। फाइनेंशियल सेक्टर में भी दबाव दिखा, लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना बनी हुई है।

Share Market: फरवरी 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली की। पूरे महीने में उन्होंने 34,574 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। 2025 की शुरुआत से अब तक एफपीआई द्वारा कुल 1,12,601 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की जा चुकी है।

एक दिन में सबसे बड़ी बिकवाली

शुक्रवार को एफपीआई ने 11,639 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए, जो फरवरी महीने में एक दिन की सबसे बड़ी बिकवाली रही। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा कमजोर हो रहा है।

खरीदारी के सिर्फ दो दिन

पूरे फरवरी महीने में एफपीआई ने केवल दो दिन ही खरीदारी की। 4 फरवरी को 809.2 करोड़ रुपये और 18 फरवरी को 4,786.6 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे गए। इससे पहले, जनवरी 2025 में एफपीआई ने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। अक्टूबर और नवंबर 2024 में भी उन्होंने 1,15,629 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी।

निफ्टी में 5.9% की गिरावट

फरवरी में निफ्टी 50 इंडेक्स में 5.9% की गिरावट आई। यह 2020 में कोरोना महामारी के दौरान हुई गिरावट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही। शुक्रवार को निफ्टी 22,124.70 पर बंद हुआ, जो कई महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल तोड़ चुका था। इस दिन निफ्टी में 420.35 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

किन सेक्टर्स पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?

गोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वी. के. विजयकुमार ने बताया कि एफपीआई फाइनेंशियल सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली कर रहे हैं, जबकि यह सेक्टर अन्य सेक्टर्स की तुलना में बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा, "एफपीआई भारतीय बाजार को इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें यह महंगा लग रहा है। वे अपना निवेश चीनी शेयर बाजार में कर रहे हैं, जहां वैल्यूएशन कम है। हालांकि, इस प्रक्रिया में वे भारतीय बाजार के सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले सेक्टर को भी छोड़ रहे हैं।"

अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद

भारत के Q3FY25 GDP आंकड़ों के मुताबिक, अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिले हैं। GDP में 6.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यदि कॉर्पोरेट इनकम में भी सुधार देखने को मिलता है, तो भारतीय शेयर बाजार में रिकवरी संभव है और एफपीआई फिर से खरीदारी शुरू कर सकते हैं।

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