वारी एनर्जीज सोलर पैनल निर्माण के लिए जानी जाती है और यह सौर उद्योग की प्रमुख कंपनियों में से एक है। इसके आईपीओ में निवेशकों का जोश देखते ही बनता है; हुंडई के बड़े आईपीओ के मुकाबले, वारी एनर्जीज का आईपीओ अब तक 9 गुना से अधिक सब्सक्राइब हो चुका है। इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) भी काफी ऊंचा है। कंपनी ने अपने शेयरों का प्राइस बैंड 1427 से 1503 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया है।
नई दिल्ली: वारी एनर्जीज लिमिटेड के आईपीओ को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है, और यह अब तक 9 गुना ओवरसब्सक्राइब हो चुका है। ग्रे मार्केट में भी इस आईपीओ ने धूम मचा रखी है। अगर ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के अनुसार लिस्टिंग होती है, तो निवेशकों का पैसा पहले ही दिन डबल होने की संभावना है।
वारी एनर्जीज का आईपीओ प्राइस बैंड
वारी एनर्जीज का आईपीओ 21 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला और आज निवेशकों के लिए आखिरी दिन है। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 1427 से 1503 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। शेयर अलॉटमेंट 24 अक्टूबर को होगा, और 25 अक्टूबर से रिफंड तथा डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट करने की प्रक्रिया शुरू होगी। वारी एनर्जीज की एनएसई और बीएसई पर लिस्टिंग 28 अक्टूबर को हो सकती है।
वारी एनर्जीज आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)
वारी एनर्जीज के आईपीओ की ग्रे मार्केट में जबरदस्त मांग देखी जा रही है, और इसकी लेटेस्ट GMP 91 फीसदी है। यदि लिस्टिंग ग्रे मार्केट के अनुसार होती है, तो निवेशकों को प्रति शेयर लगभग 1400 रुपये का मुनाफा हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि ग्रे मार्केट एक अनधिकृत बाजार है, जहां शेयरों की लिस्टिंग से पहले खरीद-बिक्री होती है, और यहां पर कीमतों में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं।
पैरेंट कंपनी वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज
वारी एनर्जीज वास्तव में वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज की पैरेंट कंपनी है। वारी रिन्यूएबल ने पिछले पांच वर्षों में 67,000 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। इसके शेयर नवंबर 2020 में लगभग 2 रुपये के आसपास थे, लेकिन अगले चार वर्षों में यह बढ़कर 3,000 रुपये तक पहुंच गए। वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज का ऑलटाइम हाई 3,037.75 रुपये था, जो मई 2024 में बना। हालांकि, उसके बाद से इसमें 50 फीसदी का करेक्शन आ चुका है, और वर्तमान में यह लगभग 1,500 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है।
सोलर इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनी
वारी एनर्जीज सोलर पैनल निर्माण में विशेषज्ञता रखती है और इसे सोलर इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनियों में गिना जाता है। जून 2023 तक, वारी एनर्जीज के पास 12 गीगावाट की स्थापित क्षमता है, जिसका मुख्य फोकस पीवी मॉड्यूल की मैन्युफैक्चरिंग पर है।
आईपीओ का उपयोग: वारी एनर्जीज अपने आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए फंड्स का इस्तेमाल ओडिशा में 6 गीगावाट की इंगोट वेफर, सोलर सेल और सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए करेगी। यह योजना कंपनी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी।