Stock Market: विधानसभा चुनाव परिणामों से बाजार में हो सकता है बड़ा बदलाव, जानें क्या होगा ट्रेंड

Stock Market: विधानसभा चुनाव परिणामों से बाजार में हो सकता है बड़ा बदलाव, जानें क्या होगा ट्रेंड
Last Updated: 4 घंटा पहले

आगामी सप्ताह में देश के कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों का शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव परिणामों के आधार पर बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जो निवेशकों के लिए एक नई दिशा तय करेगा। इसके अलावा, अन्य प्रमुख आर्थिक घटनाक्रम भी बाजार की दिशा पर प्रभाव डाल सकते हैं। आइए, जानते हैं उन प्रमुख कारकों के बारे में जो इस हफ्ते बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।

भारतीय शेयर बाजार अगले सप्ताह विधानसभा चुनाव के परिणामों और MSCI इंडेक्स के बदलाव के कारण प्रभावित हो सकता है। इन घटनाओं से बाजार में सकारात्मक हलचल देखने को मिल सकती है, जो निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर साबित हो सकता है।

महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजों का असर

देश के विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम भारतीय शेयर बाजार पर गहरा असर डाल सकते हैं। विशेष रूप से महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों को बाजार में सकारात्मक प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है। महाराष्ट्र, जो देश की आर्थिक राजधानी है, में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत से निवेशकों को आशा है कि राज्य में राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी, जिससे कारोबारी माहौल में सुधार हो सकता है।

इसके अलावा, झारखंड में जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) गठबंधन की सत्ता में वापसी से राज्य में स्थिति सामान्य बनी रहेगी, जो निवेशकों के लिए आश्वस्ति का कारण बन सकती है। हालांकि, झारखंड में बीजेपी की हार का कोई प्रतिकूल असर नजर नहीं आ रहा है।

MSCI बदलाव विदेशी निवेशकों से 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश

दुनिया के सबसे बड़े इंडेक्स प्रदाता MSCI (Morgan Stanley Capital International) में नवंबर में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है, जो भारतीय कंपनियों को फायदा पहुंचा सकता है। इसमें बीएसई, वोल्टास, अल्केम लेबोरेटरीज, कल्याण ज्वैलर्स और ओबेरॉय रियल्टी जैसी कंपनियों को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया जा रहा है।

इस बदलाव से अनुमान है कि लगभग 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश भारतीय बाजार में आ सकता है, जो भारतीय शेयर बाजार को मजबूती दे सकता है। MSCI इंडेक्स में शामिल कंपनियों को ग्लोबल निवेशकों से अधिक ध्यान मिलेगा, जिससे बाजार में एक सकारात्मक रुझान बन सकता है।

Short-Term Trend

तकनीकी संकेतों की बात करें तो, आरएसआई (Relative Strength Index) ने ओवरसोल्ड जोन के पास तेजी से क्रॉसओवर किया है, जो एक सकारात्मक संकेत है। शॉर्ट टर्म में, अगर इंडेक्स 23,600 के ऊपर बना रहता है, तो बाजार में तेजी का माहौल बना रह सकता है। यदि सेंसेक्स 23,960-24,000 के स्तर को पार करता है, तो 24,500 तक की रैली संभव है। इसके विपरीत, सपोर्ट 23,750 और 23,550 पर नजर आ सकता है।

भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरना भी महत्वपूर्ण है। शुक्रवार को रुपये ने 84.5075 के निचले स्तर को छुआ, लेकिन बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। रुपये में कमजोरी विदेशी निवेशकों पर दबाव डाल सकती है, क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट से आयात महंगे हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर के अंत तक रुपये में और गिरावट हो सकती है, जिससे विदेशी निवेशकों की निवेश रणनीति प्रभावित हो सकती है।

एफआईआई और डीआईआई की गतिविधियाँ

शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में 1,278.37 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,722.15 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। इससे संकेत मिलता है कि घरेलू निवेशक भारतीय बाजार में उत्साहित हैं, जबकि विदेशी निवेशक थोड़ा सतर्क हैं। नवंबर में अब तक विदेशी निवेशकों का भारतीय इक्विटी बाजार में लगभग 26,533 करोड़ रुपये का शुद्ध बिकवाली हो चुका है।

क्या करें निवेशक?

भारतीय शेयर बाजार में आगामी सप्ताह में विधानसभा चुनावों के परिणाम और MSCI इंडेक्स के बदलाव से सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है। हालांकि, रुपया और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि यह लंबी अवधि में बाजार की दिशा तय कर सकता है। निवेशकों को अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए इस समय के रुझानों का सही लाभ उठाने के लिए सतर्क रहना चाहिए।

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