Diwali 2024: सोना खरीदने के पीछे के पांच अनोखे कारण, जानें क्यों यह है जरूरी?

Diwali 2024: सोना खरीदने के पीछे के पांच अनोखे कारण, जानें क्यों यह है जरूरी?
Last Updated: 1 दिन पहले

सोना सदियों से सबसे मूल्यवान धातुओं में से एक माना जाता है, और इसका मूल्य समय के साथ निरंतर बढ़ता रहा है। जब भी हमें किसी विशेष वस्तु की पुरानी कीमत का अनुमान लगाना होता है, तो हम अक्सर उसकी तुलना सोने की कीमत से करते हैं। भारत जैसे देशों में सोने का न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है।

नई दिल्ली: अगर आपने सोना नहीं खरीदा है, तो आप वास्तव में न तो इतिहास से परिचित हैं और न ही अर्थशास्त्र से। यह बयान अमेरिकी अरबपति निवेशक रेमंड थॉमस डेलियो का है। उनका यह कथन सोने की पारंपरिक महत्वता को स्पष्ट करता है। आइए समझते हैं कि सोने में निवेश करना क्यों आवश्यक है और इसके क्या लाभ हैं।

सोना सदियों से कीमती धातु

सोने ने सदियों से निवेश के रूप में अपना मूल्य बरकरार रखा है। जबसे सोने की खोज हुई और इंसानों ने व्यापार सीखा, तबसे यह इंसानी सभ्यता का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है। इसके लिए अनगिनत लड़ाइयां हुईं, साम्राज्य बने और बिखरे, लेकिन इसकी अहमियत कभी कम नहीं हुई। यह हमेशा प्रतिष्ठा का प्रतीक बना रहाराजा-महाराजाओं के लिए खजाना भरने का, तो आम लोगों के लिए जेवरात पहनने का। यही वजह है कि सदियों पहले भी सोना बहुमूल्य था और आज भी है। भारत जैसे देश में सोने का विशेष सांस्कृतिक महत्व भी है।

पोर्टफोलियो में विविधता का महत्व

सोना आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता लाता है। यह अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में आपके पोर्टफोलियो के लिए रिस्क मैनेजमेंट का काम करता है। किसी भी युद्ध या तनाव की स्थिति में जब शेयर मार्केट में गिरावट आती है और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, तब सोने की अहमियत बढ़ जाती है। ऐसी स्थितियों में सोने की कीमतों में उछाल आता है, जिससे शेयर मार्केट में होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो जाती है।

सोने के बदले कर्ज लेना हुआ आसान

वित्तीय मुश्किल के दौरान कर्ज लेने में कई बार कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन अगर आपके पास सोना है, तो आप आसानी से कर्ज ले सकते हैं। बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियाँ (NBFC) इसे सबसे सुरक्षित लोन मानती हैं, क्योंकि इसमें एनपीए बनने की संभावना काफी कम होती है। वे सोने को बेचकर आसानी से वसूली कर सकती हैं, जिससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होता। वहीं, उपभोक्ताओं को भी सोने के बदले कर्ज लेने पर अपेक्षाकृत कम ब्याज दर मिल जाती है।

मुद्रास्फीति के खिलाफ सोने का प्रदर्शन

सोना मुद्रास्फीति, यानी महंगाई दर के खिलाफ हमेशा सबसे प्रभावी हथियार रहा है। यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक सहित दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीद में इजाफा किया है। निस्संदेह, शेयर बाजार या अन्य प्रकार के निवेश कई बार सोने से अधिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इनमें स्थायी ठहराव आ सकता है, जो लंबे समय तक जारी रह सकता है। वहीं, सोने के मामले में ऐसा नहीं होता; इसका मूल्य सदैव समय के साथ बढ़ता रहता है।

सोने की यूनिवर्सल करेंसी के रूप में मान्यता

सोने को यूनिवर्सल करेंसी के तौर पर भी मान्यता हासिल है। जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो अमेरिका की अगुआई में पश्चिमी देशों ने उसके विदेशी मुद्रा भंडार को जब्त कर लिया। रूस के पास जो यूरो और डॉलर थे, उनकी वैल्यू जीरो हो गई। लेकिन, अगर रूस ने विदेशी मुद्रा की जगह सोने का भंडार बनाया होता, तो उसकी वैल्यू कभी जीरो नहीं होती, भले ही सोने का भाव एकसाथ 30 प्रतिशत तक कम हो जाता।

Leave a comment
 

ट्रेंडिंग News