सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची, भारत में 93,380 रुपये प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,218.07 डॉलर प्रति औंस। इसके कारणों में डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनाव हैं।
Gold Price Today: आज, सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना लिया है, जहां भारत में सोने का भाव ₹93,380 प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में $3,218.07 प्रति औंस पर पहुंच गया है। इस तेजी के पीछे कई वैश्विक कारण हैं, जो विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता से जुड़े हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें रातों-रात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, जहां यह $3,218.07 प्रति औंस तक पहुंच गई। हालांकि, कुछ समय बाद यह $3,207 पर बंद हुई। भारत में भी सोने की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी आई, और अब सोना ₹93,380 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और बदलती मौद्रिक नीतियों के कारण हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप निवेशक सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
Dollar Weakness: सोने के लिए बढ़ा आकर्षण
इस वृद्धि के पीछे एक बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर की कमजोरी है। डॉलर इंडेक्स 100 अंक से नीचे गिर चुका है, जिससे अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना अधिक आकर्षक बन गया है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने में निवेश करने का प्रलोभन बढ़ता है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों ने अमेरिकी बॉन्ड्स की होल्डिंग कम करना शुरू कर दिया है और सोने में निवेश बढ़ा दिया है।
US-China Trade War: वैश्विक अस्थिरता बढ़ी
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध ने वैश्विक बाजार में अस्थिरता को बढ़ा दिया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह स्वीकार किया कि उनकी वैश्विक टैरिफ रणनीति "संक्रमण लागत" ला सकती है, जिससे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता पैदा हो रही है। यह भू-राजनीतिक तनाव सोने की स्थिरता को बढ़ावा दे रहा है, क्योंकि सोना अक्सर अशांत समय के दौरान एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में माना जाता है।
Bond Market: निवेशकों का सोने की ओर रुझान
इस सप्ताह अमेरिकी ट्रेजरी बॉंड्स में बड़ी बिकवाली देखी गई, जिससे निवेशकों का विश्वास कमजोर पड़ा है। पहले जो बॉंड्स को एक जोखिम-मुक्त संपत्ति माना जाता था, अब उन पर भरोसा घट रहा है। इस वजह से निवेशक अब अपना पैसा सोने में स्थानांतरित कर रहे हैं, जो वर्तमान में एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है।
Lower Inflation: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं
मार्च महीने के लिए यूएस सीपीआई डेटा में उपभोक्ता कीमतों में गिरावट आई, जिससे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें पैदा हुईं। व्यापारी अब अनुमान लगा रहे हैं कि फेडरल रिजर्व मई या जून की शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिससे डॉलर की कमजोरी और सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।
Global Economic Uncertainty: सोने का भविष्य
वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में अनिश्चितता बढ़ने के साथ सोने की कीमतों में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। महंगाई दर की गतिशीलता में बदलाव, मौद्रिक सहजता की संभावना, और भू-राजनीतिक तनाव के कारण सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। सोने का आकर्षण भविष्य में और बढ़ सकता है क्योंकि यह एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक बन रहा है।