भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री की बढ़ी मुसीबते, 28% GST ने सभी को किया परेशान:मंत्रालय के फैसले का कंपनियां कर रही विरोध

भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री की बढ़ी मुसीबते, 28% GST ने सभी को किया परेशान:मंत्रालय के फैसले का कंपनियां कर रही विरोध
Last Updated: 06 अगस्त 2023

क्या ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने का फैसला वापस लिया जाएगा? यह मुद्दा वर्तमान समय में ज्यादा इसलिए उठाया जा रहा हैं क्योंकि सरकार के अंदर ही जीएसटी बोर्ड के ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले पर कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि उनका मंत्रालय जीएसटी बोर्ड से ऑनलाइन गेमिंग पर 28% टैक्स लगाने के अपने फैसले पर दुबारा से विचार करने का अनुरोध करेगा और इस फैसले को वापस करवाएगा। 

 

राजीव चंद्रशेखर ने कहा, सरकार को करने होंगे पुनर्विचार 

सीएनएन-न्यूज 18 टाउन हॉल कार्यक्रम में राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम जीएसटी बोर्ड से संपर्क करेंगे और उनसे ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए इस 28% जीएसटी के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल भारत सरकार नहीं हैं और वो ऐसे कदम नहीं उठा सके है। 

दरअसल, कंपनी ने शुरू से ही ऑनलाइन जुआ उद्योग पर 28% जीएसटी लगाने के जीएसटी बोर्ड के फैसले का विरोध किया था। कंपनी का मानना ​​हैं कि इस फैसले से क्षेत्र में निवेश कम हो जाएगा और लोगों की नौकरियां चली जाएंगी। भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का मूल्य बढ़कर 20 अरब डॉलर हो गया है। जनवरी 2021 से जून 2022 के बीच गेमिंग इंडस्ट्री ने 1.5 अरब डॉलर का निवेश जमा किया है। जुआ उद्योग का दावा हैं कि यह क्षेत्र लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। फिलहाल इनका रेवेन्यू 2.5 अरब डॉलर हैं, जो 2025 तक दोगुना हो सकता है। 

 

28% GST ने बढाई गेमिंग इंडस्ट्री की मुसीबते 

सरकार युवाओं को गेम खेलने से रोकने के लिए या फिर ऐसा कहें की युवाओ को गेम से थोड़ा दूर करने के लिए सभी ऑनलाइन गेम पर 28% की दर से टैक्स लगाना चाहती हैं लेकिन उनके इस फैसले से कोई भी खुश नहीं है। फैंटेसी क्रिकेट जैसे DREAM 11, MPL, MY 11 सर्किल, WINZO, आदि ऑनलाइन गेम हाल के वर्षों में भारत में लोकप्रिय हो गए हैं, लेकिन इस पर लगाए गए टैक्स ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। टाइगर ग्लोबल और पीक XV सहित कई विदेशी कंपनियों ने भारत में ड्रीम 11 और मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) जैसी भारतीय खेल कंपनियों में करोड़ो का निवेश किया है।

बहुत से गेमिंग प्लेटफार्म जैसे की DREAM 11, MPL आदि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बहुत से युवा रोजगार के अवसर भी दे रखे थे अब कही न कहीं उनके रोजगार में कमी देखने को मिलेगी। क्योंकि जब गेमिंग कंपनी को gst देनी पड़ेगी तो उसका असर उसके प्रॉफिट एंड लोस पर भी  पड़ेगा। इस प्रकार गेमिंग इंडस्ट्री पर GST लगाने के  फैसले ने बहुत से युवाओ के पेट पे भी लात मारी है। 

गेमिंग इंडस्ट्री के अनुसार जीएसटी बोर्ड के फैसले से इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। इस फैसले का असर कंपनी की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा। परिणामस्वरूप, कंपनी गेमिंग industry में नवाचार पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएगी और क्षेत्र में निवेश भी कम हो जाएगा। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में कुछ प्रतिशत की हानि देखी जा सकती है। साथ ही भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी कंपनियों से मुकाबला करना भी मुश्किल हो जाएगा।

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