ट्रंप की जीत के बाद चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए एक नया आर्थिक पैकेज जारी किया है। हालांकि, ट्रंप के सत्ता में लौटने से चीन पर और प्रतिबंध लग सकते हैं, और इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है।
China Another Economic Package: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद चीन चिंतित है, क्योंकि उसे अमेरिका से और प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए, चीन ने एक और बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। यह पैकेज 1.4 ट्रिलियन डॉलर का है, और चीन पहले भी कई बार ऐसे आर्थिक पैकेज की घोषणा कर चुका है।
चीन के नए आर्थिक पैकेज का भारत पर क्या असर होगा, यह सवाल अहम है। दरअसल, इस पैकेज से भारतीय शेयर बाजार को एक और झटका लग सकता है। हाल ही में शेयर बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों (FPI) का भारतीय बाजार से पैसा निकालना था, और अब ये निवेशक चीन की ओर रुख कर रहे हैं।
चीन उठा रहा है कई महत्वपूर्ण कदम
चीन अपनी धीमी पड़ रही अर्थव्यवस्था को सुधारने और स्थानीय सरकारों को संकट से उबारने के लिए कई बड़े कदम उठा रहा है। शुक्रवार को चीनी सरकार ने 10 ट्रिलियन युआन (लगभग 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज मंजूरी दी। यह कदम चीन की आर्थिक स्थिति को सुधारने और कारोबारी चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से उठाया गया है।
चीन का नया पैकेज क्यों?
चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव हमेशा बना रहता है, और डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह समस्या और भी गंभीर हो गई थी। ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 60% तक टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया था, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा। ऐसे में चीन को इस मंदी से उबरने के लिए आर्थिक पैकेज की जरूरत महसूस हुई, और इसी कारण से उसने इस नए पैकेज की घोषणा की।
कितना मिलेगा राज्यों को?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की शीर्ष सरकारी संस्था, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) ने स्थानीय सरकारों के लिए ऋण सीमा को 6 ट्रिलियन युआन (करीब 840 बिलियन डॉलर) तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि पैकेज का करीब 60% हिस्सा प्रांतीय और स्थानीय सरकारों को मिलेगा। इस पैकेज के तहत, चीन को अगले 5 वर्षों में ब्याज भुगतान में कमी आने की उम्मीद है, जो उसे आर्थिक स्थिति को संभालने में मदद करेगा।
चीन के इस पैकेज का भारत पर असर
चीन के इस नए आर्थिक पैकेज का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा जा सकता है। पिछली बार जब चीन ने ऐसा पैकेज घोषित किया था, तो विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकालकर चीन के बाजार में निवेश करने लगे थे। इससे भारतीय शेयर बाजार में गिरावट और चीनी बाजार में तेजी आई थी।
अब, चीन का यह नया पैकेज विदेशी निवेशकों की नजरें एक बार फिर चीन के बाजार पर केंद्रित कर सकता है, क्योंकि पैकेज का आकार बड़ा है और घरेलू मंदी के प्रभाव को कम करने के लिए इसे लागू किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय बाजार को फिर से झटका लग सकता है, क्योंकि एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) अब चीन के बाजारों में ज्यादा निवेश कर सकते हैं।
क्या ट्रंप के बाद चीन और अधिक आर्थिक पैकेज लाएगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद चीन अगले कई वर्षों में और भी बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार और अन्य उभरते हुए बाजारों के लिए निवेश कम आकर्षक हो सकते हैं। इसका असर भारतीय शेयर और मुद्रा बाजारों पर भी पड़ सकता है, जिससे बाजार में और गिरावट का खतरा हो सकता है।