बताया जा रहा है कि एलन मस्क टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट भारत में स्थापित करेंगे और अरबों डॉलर का निवेश करेंगे। इसके अलावा, टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर भी बड़ा अपडेट सामने आने की उम्मीद थी।
Elon Musk: अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क, जिनकी कंपनियाँ टेस्ला और स्टारलिंक भारत में निवेश की योजना पर विचार कर रही थीं, उनके निवेश को लेकर अब नई जानकारी सामने आई है। मस्क की कंपनियों के शेयरों में चुनाव के बाद तेजी देखने को मिली थी, साथ ही भारत में निवेश के लिए उनकी संभावित यात्रा की खबरें भी आई थीं। पहले यह अनुमान था कि मस्क जल्द ही भारत आएंगे और टेस्ला के इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री के बारे में अहम ऐलान करेंगे। इसके अलावा, स्टारलिंक के लिए भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवाओं का ऐलान भी हो सकता था। लेकिन अब एक बार फिर इस बारे में सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है।
पीयूष गोयल ने दिया स्पष्ट बयान
भारत में मस्क के निवेश को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि फिलहाल टेस्ला और स्टारलिंक द्वारा भारत में निवेश के संबंध में कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों कंपनियों के मामलों को अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा देखा जा रहा है, और इसलिए उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पीयूष गोयल ने कहा, “जहां तक मेरी जानकारी है, हम इस बारे में कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि ये दोनों मामले अलग-अलग विभागों के अंतर्गत आते हैं।”
उन्होंने बताया कि टेस्ला से संबंधित मुद्दे भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आते हैं, जबकि स्टारलिंक का मामला अंतरिक्ष विभाग द्वारा देखा जा रहा है। इससे पहले मस्क ने अपनी भारत यात्रा को रद्द कर दिया था, जब यह पता चला कि उनके पास भारत में निवेश के संबंध में कुछ खास घोषणाएं नहीं थीं। मस्क ने टेस्ला के भारी दायित्वों का हवाला देते हुए भारत की यात्रा से इनकार किया और चीन का रुख किया।
भारत में टेस्ला और स्टारलिंक के निवेश के बारे में क्या था प्लान?
एलन मस्क की कंपनियों की भारत में आने की योजना के पीछे काफी बड़ी रणनीति थी। अनुमान था कि मस्क टेस्ला द्वारा भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करेंगे, जिससे भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री का मार्ग खुल सकता था। इसके अलावा, वह अपनी कंपनी स्टारलिंक के लिए भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की योजना पर विचार कर रहे थे।
भारत में टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना से न सिर्फ भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद थी, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होते। वहीं, स्टारलिंक के द्वारा भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवा शुरू करने से दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान हो सकता था।
भारत में स्टारलिंक को मिलेगी लाइसेंस की मंजूरी?
भारत सरकार की ओर से भी कुछ अहम बयान दिए गए हैं। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवाओं की शुरुआत करने के लिए सभी कानूनी मानदंडों को पूरा करना होगा। जब तक वे इन मानकों को पूरा नहीं करेंगे, तब तक उन्हें भारत में लाइसेंस नहीं मिल पाएगा।
सिंधिया ने कहा था, “स्टारलिंक के लिए पूरी प्रक्रिया चल रही है, और एक बार प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए लाइसेंस मिल जाएगा।” इसके बाद ही भारत में स्टारलिंक की सेवाएं शुरू हो सकेंगी।
मस्क की भारत यात्रा और निवेश का भविष्य
हालांकि, मस्क की भारत यात्रा को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस संबंध में कोई चर्चाएँ नहीं हुई हैं। पीयूष गोयल के बयान से यह भी साफ हो गया कि भारत में मस्क के निवेश के लिए सही प्रक्रिया और कानूनी कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, भारत में टेस्ला और स्टारलिंक की भविष्यवाणी और मस्क के निवेश की स्थिति पर सबकी नजरें बनी हुई हैं।