मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। वर्ष 2025 में इस दिन महाकुंभ का अद्भुत संयोग बन रहा है, जिससे इस दिन किए जाने वाले स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाएगा। पवित्र नदियों में स्नान और धार्मिक कार्यों में भाग लेने के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
Mauni Amavasya 2025
साल में 12 बार आने वाली अमावस्या तिथियों में से मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है, जो माघ महीने में पड़ती है। इसे पितरों की शांति और पुण्य अर्जित करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मौन रहकर गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, इस दिन किया गया जप और ध्यान कई गुना अधिक फलदायी होता है।
2025 में मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का महासंयोग बन रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है। जानिए इस पवित्र दिन की तिथि और उससे जुड़ी खास बातें।
मौनी अमावस्या 2025 कब ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पितृ पूजन और दान करना जीवनभर के कष्टों से मुक्ति दिलाता है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्य पूर्वजों की कृपा दिलाते हैं, जिससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
साल 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ेगी। इस खास दिन पर प्रयागराज में महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान भी होगा। मौनी अमावस्या और महाकुंभ का यह संयोग आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन गंगा में स्नान, दान, और तप करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौन और स्नान से मिलते हैं अद्भुत लाभ
माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान को विशेष रूप से शुभ माना गया है, लेकिन मौनी अमावस्या पर इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मौन रहकर स्नान और ध्यान करने से न केवल अद्भुत स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं बल्कि आत्मिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति भी होती है।
विशेष रूप से, यह दिन मानसिक तनाव, भय, और भ्रम जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है। गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से मन और शरीर दोनों शुद्ध होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मौनी अमावस्या पर स्नान का यह शुभ योग जीवन में शांति और समृद्धि लाने का माध्यम बनता है।
मौनी अमावस्या का महत्व
• मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष पुण्य मिलता है।
• इस दिन गरीबों को भोजन कराने से जाने-अनजाने में हुए पापों का प्रायश्चित होता है।
• पूरे दिन मौन व्रत रखने से अच्छी सेहत और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
• मानसिक समस्याओं, डर, और वहम से छुटकारा पाने के लिए इस दिन का पालन फायदेमंद होता है।
• संपूर्ण नियमों के साथ व्रत और स्नान करने से कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं।
• इस दिन श्रद्धा और नियम से किए गए कार्य जीवन में शांति और समृद्धि लाते हैं।
महत्वपूर्ण सूचना
यहां दी गई जानकारी और मान्यताएं केवल परंपरागत मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। किसी भी उपाय या मान्यता को अपनाने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श लें।