Vaikuntha Chaturdashi 2024: बैकुंठ चतुर्दशी पर करें ये शुभ कार्य, नहीं सहनी पड़ेगी यमराज की यातनाएं

Vaikuntha Chaturdashi 2024: बैकुंठ चतुर्दशी पर करें ये शुभ कार्य, नहीं सहनी पड़ेगी यमराज की यातनाएं
Last Updated: 14 नवंबर 2024

बैकुंठ चतुर्दशी 2024: बैकुंठ चतुर्दशी का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस दिन भगवान हरि और भगवान शिव का मिलन होता है। बैकुंठ चतुर्दशी पर कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस पावन अवसर पर किए गए शुभ कार्यों से जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होता है।

शिवलिंग का अभिषेक और मंत्र जाप का महत्व

बैकुंठ चतुर्दशी के विशेष दिन पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन 1 लाख बार "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों का समाधान हो सकता है। ज्योतिषी अनीष व्यास के अनुसार, इस पवित्र क्रिया से केवल आपके जीवन में सकारात्मकता आएगी, बल्कि संबंधों में भी मधुरता बनी रहेगी। इस अवसर पर शिव की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का संचार होता है। इसलिए, इस बैकुंठ चतुर्दशी पर शिवलिंग का अभिषेक और मंत्र जाप अवश्य करें।

कमल के फूल और विशेष पूजा का महत्व

बैकुंठ चौदस के दिन श्रीहरि ने 1000 स्वर्ण कमल के फूलों से महादेव की पूजा की थी, जिससे शिव जी अत्यंत प्रसन्न हुए थे। इस विशेष अवसर पर, इस दिन कमल का फूल श्रीहरि को अवश्य चढ़ाएं। मान्यता है कि इससे 14000 पाप कर्म समाप्त हो जाते हैं।

व्रत और फलाहार का महत्व

कहा जाता है कि पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों को बैकुंठ चतुर्दशी के दिन व्रत और जगत के पालक की पूजा करने से मृत्यु के पश्चात यमलोक की पीड़ा का सामना नहीं करना पड़ता। इस विशेष अवसर पर फलाहार व्रत करने का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है। इसलिए, इस दिन को अपने जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए फलाहार व्रत अवश्य करें।

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और बेलपत्र अर्पित करें

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। ऐसा मानना है कि इस पाठ के प्रभाव से व्यक्ति को बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर भगवान विष्णु को बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। इसी दिन भगवान शिव को तुलसी के पत्ते चढ़ाने का भी विशेष महत्व है, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा दिन है जब शिवजी पर तुलसी के पत्ते अर्पित किए जा सकते हैं। यह प्रथा व्यक्ति की तरक्की में रही रुकावटों को दूर करने में मदद करती है।

आंवला और बैलपत्र की पूजा करें

बैकुंठ चतुर्दशी पर बैलपत्र और आंवला के पेड़ की भी पूजा करें। इससे घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। इन्हें दूध और जल से सींचें, ताकि घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास हो।

इस बैकुंठ चतुर्दशी पर किए गए इन शुभ कार्यों से केवल आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी, बल्कि आप यमराज की यातनाओं से भी बच सकेंगे।

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