5 अगस्त 2025 का दिन पंचांग के अनुसार खास धार्मिक महत्व लेकर आया है। मंगलवार को जहां श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, वहीं आज ही श्रावण का अंतिम मंगला गौरी व्रत भी रखा जा रहा है। इस दिन पुत्र की कामना से व्रत करने वाली स्त्रियों के लिए पुत्रदा एकादशी विशेष मानी गई है। साथ ही कुंवारी कन्याओं द्वारा रखे जाने वाले मंगला गौरी व्रत का आज आखिरी अवसर भी है।
इस विशेष दिन को लेकर देशभर के मंदिरों में पूजा-अर्चना की तैयारियां चल रही हैं। आइए जानते हैं आज का पूरा पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और नक्षत्र-योगों की स्थिति।
तिथि और दिन की जानकारी
5 अगस्त 2025 को श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो दोपहर 1 बजकर 13 मिनट तक प्रभावी रहेगी। उसके बाद द्वादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। मंगलवार के दिन यह तिथि होने के कारण धार्मिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
आज के प्रमुख व्रत और पर्व
आज दो प्रमुख व्रत हैं
- पुत्रदा एकादशी
- श्रावण का अंतिम मंगला गौरी व्रत
पुत्रदा एकादशी व्रत विशेषकर संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों द्वारा रखा जाता है। वहीं मंगला गौरी व्रत कुंवारी कन्याओं द्वारा उत्तम वर की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं माता गौरी का पूजन करती हैं और 16 श्रृंगार से देवी को सजाया जाता है।
नक्षत्र और योग की स्थिति
5 अगस्त की सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद मूल नक्षत्र प्रारंभ होगा। साथ ही पूरे दिन और रात को पार करते हुए 6 अगस्त की सुबह 7 बजकर 18 मिनट तक वैधृति योग रहेगा। वैधृति योग को सामान्यत: अशुभ माना जाता है, ऐसे में आज किसी बड़े कार्य की शुरुआत में सावधानी बरतना जरूरी है।
दिन के शुभ मुहूर्त
धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और व्रत के लिए आज कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं।
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 48 मिनट से 5 बजकर 32 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से 1 बजकर 10 मिनट तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 7 बजकर 12 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक
इन मुहूर्तों का उपयोग पूजा, जप, ध्यान और भगवान विष्णु तथा माता गौरी की उपासना के लिए किया जा सकता है।
राहुकाल का समय अलग-अलग शहरों में
राहुकाल को अशुभ काल माना जाता है। इस दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत नहीं की जाती। 5 अगस्त को मंगलवार के दिन राहुकाल दोपहर बाद रहेगा। शहरों के अनुसार इसका समय इस प्रकार है:
- दिल्ली: 3 बजकर 48 मिनट से शाम 5 बजकर 29 मिनट तक
- मुंबई: 3 बजकर 58 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट तक
- चंडीगढ़: 3 बजकर 52 मिनट से 5 बजकर 33 मिनट तक
- लखनऊ: 3 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 12 मिनट तक
- भोपाल: 3 बजकर 43 मिनट से 5 बजकर 22 मिनट तक
- कोलकाता: 2 बजकर 59 मिनट से 4 बजकर 37 मिनट तक
- अहमदाबाद: 4 बजकर 2 मिनट से 5 बजकर 41 मिनट तक
- चेन्नई: 3 बजकर 48 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक
इस समय में कोई नया काम, यात्रा या निवेश से परहेज करना बेहतर माना जाता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: सुबह 5 बजकर 45 मिनट
- सूर्यास्त: शाम 7 बजकर 9 मिनट
पूरे दिन में सूर्य की स्थिति इन समयों पर आधारित रहेगी। सूर्योदय से पहले के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है, जो साधना और भक्ति के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
पुत्रदा एकादशी से जुड़ी मान्यताएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की आराधना करके संतान से जुड़ी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन व्रती व्यक्ति सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेता है, दिनभर उपवास करता है और रात में जागरण कर श्रीहरि का भजन-कीर्तन करता है।
मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
श्रावण के महीने में मंगलवार के दिन किया जाने वाला यह व्रत शादीशुदा और अविवाहित दोनों महिलाओं के लिए शुभ माना गया है। विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की कामना से करती हैं। इस व्रत में महिलाएं लाल वस्त्र पहनकर माता पार्वती को सिंदूर, चूड़ी, मेंहदी, बिंदी आदि अर्पित करती हैं और मंगल गीत गाती हैं।
उत्तर भारत से लेकर महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत तक इस दिन व्रत और पूजा का उत्साह देखा जा रहा है। मंदिरों में खास सजावट की गई है और भक्त सुबह से ही पूजा की तैयारियों में लगे हैं।