चिराग पासवान ने रविवार को दिए गए अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी राजनीतिक निष्ठा और प्राथमिकता एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ ही है। उन्होंने कहा: महत्त्वाकांक्षी होना गलत नहीं है, लेकिन मेरी महत्वाकांक्षा कभी भी गठबंधन से ऊपर नहीं होगी।
पटना: बिहार की सियासत में एक बार फिर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रति अपनी स्पष्ट प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा कभी गठबंधन से ऊपर नहीं रही और वे हमेशा एनडीए के साथ थे और रहेंगे। चिराग ने यह भी कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तब तक वे आंख मूंदकर उनके साथ खड़े रहेंगे।
चिराग की ‘गठबंधन धर्म’ पर खुलकर बात
अपने बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले चिराग पासवान ने रविवार को साफ किया कि वे किसी तरह की राजनीतिक उलझन में नहीं हैं और पूरी मजबूती से एनडीए के साथ हैं। उन्होंने कहा,
'महत्त्वाकांक्षी होना गलत नहीं है, लेकिन मेरी महत्वाकांक्षा कभी एनडीए से ऊपर नहीं रही। मैं एनडीए का हिस्सा था और रहूंगा। प्रधानमंत्री मोदी मेरे लिए प्रेरणा हैं और मैं उनके नेतृत्व में आंख मूंदकर भरोसा करता हूं।'
चिराग ने यह भी दोहराया कि बिहार के विकास के लिए एनडीए ही एकमात्र विकल्प है। उनका कहना है कि भाजपा और सहयोगी दलों के साथ मिलकर वे राज्य को आगे ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव: मिशन-225 की तैयारी में जुटा NDA
चिराग पासवान के इस बयान के बीच एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए मिशन-225 की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इसका लक्ष्य राज्य की 243 में से कम से कम 225 सीटों पर विजय हासिल करना है।
- भाजपा की रणनीति और बूथ स्तरीय तैयारी: भाजपा ने 1420 संगठनात्मक मंडलों में सम्मेलन आयोजित कर बूथ स्तर पर एक मजबूत चुनावी चक्रव्यूह रचने की योजना बनाई है। पार्टी द्वारा तैयार की गई रणनीति में निम्नलिखित बिंदुओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है:
- शक्ति केंद्र स्तर पर प्रशिक्षण: पहले चरण में पंचायत स्तर (शक्ति केंद्र) के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे आगे जाकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और पन्ना प्रमुखों तक रणनीति पहुंचा सकें।
- बूथ डाटा कलेक्शन और प्रवासी मतदाता संपर्क: पार्टी सभी 90,000 बूथों पर काम कर रही है, जिसमें बाहर रहने वाले बिहारियों के मोबाइल नंबर और प्रवासन शहरों का डाटा एकत्र करने पर जोर दिया जा रहा है।
बूथ ग्रेडिंग और टारगेटिंग
भाजपा ने बूथों को तीन श्रेणियों – A, B, C में बांटने की योजना बनाई है:
- A ग्रेड: यहां पर 10% अतिरिक्त मतदान सुनिश्चित करने का लक्ष्य।
- B ग्रेड: जिन बूथों पर 50% से कम मतदान हुआ, वहां भी 10% वृद्धि का रोडमैप।
- C ग्रेड: वे बूथ जहां एनडीए को 20% से कम वोट मिले, वहां 5% तक वोट वृद्धि का लक्ष्य।
चिराग और भाजपा के बीच फिर मजबूत रिश्ते
बीते वर्षों में चिराग पासवान और भाजपा के रिश्तों में थोड़ी तल्खी देखने को मिली थी, खासकर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान, जब लोजपा ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि अब यह स्पष्ट है कि दोनों पक्षों ने पुरानी बातों को पीछे छोड़ते हुए 2025 के चुनाव को एकजुट होकर लड़ने का मन बना लिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान की युवा छवि, दलितों में पकड़ और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनका मजबूत संबंध बिहार में एनडीए की रणनीति को नई दिशा दे सकता है। उनकी मौजूदगी से न सिर्फ लोजपा का आधार मजबूत होगा, बल्कि भाजपा को भी सहायक जनाधार मिल सकता है।