गणेश जी की पूजा में बुधवार का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन उनकी आरती करने से न केवल घर में सुख-समृद्धि का वास होता है, बल्कि जीवन के हर पहलू में तरक्की भी मिलती है। गणेश जी की आरती से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो सभी विघ्नों को दूर करके सफलता की राह खोलता है। खासकर व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
अगर आप भी अपने जीवन में कोई विशेष परेशानी झेल रहे हैं, तो हर बुधवार गणेश जी की आरती अवश्य करें। इसके साथ-साथ घर में खुशहाली बनाए रखने के लिए उन्हें लड्डू का भोग भी अर्पित करें। यही नहीं, इस दिन का व्रत रखने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।
गणेश जी की आरती में जो मंत्र होते हैं, उनका उच्चारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन के हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। इसलिए बुधवार के दिन गणेश जी की आरती करना न केवल धार्मिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह मानसिक और भौतिक समृद्धि के लिए भी अत्यंत शुभ है।
गणेश जी की आरती की विधि और महत्व
विधि
स्थान तैयार करें: सबसे पहले, अपने घर में एक स्वच्छ स्थान चुनें जहां आप पूजा कर सकें। वहां गणेश जी की मूर्ति या चित्र रखें।
दीपक और अगरबत्ती लगाएं: पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और अगरबत्ती रखें, ताकि वातावरण शुद्ध हो।
पानी और फूल चढ़ाएं: गणेश जी को पानी और ताजे फूल अर्पित करें। यह उनका स्वागत करने का एक तरीका है।
लड्डू का भोग अर्पित करें: गणेश जी को प्रिय लड्डू का भोग अर्पित करें। इससे भगवान खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
गणेश जी की आरती: अब गणेश जी की आरती का पाठ करें। आप "जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा" (गणेश जी की प्रसिद्ध आरती) का गान कर सकते हैं या फिर अपने क्षेत्रीय भक्ति गीत का भी उच्चारण कर सकते हैं। आरती करते वक्त दीपक की ज्योति को चारों ओर घुमा कर भगवान को अर्पित करें।
प्रार्थना करें: आरती के बाद, भगवान गणेश से सुख, समृद्धि और सभी विघ्नों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। आप अपनी मनोकामनाएं भी भगवान से व्यक्त कर सकते हैं।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद (लड्डू और अन्य खाद्य पदार्थ) का वितरण करें।
महत्व
गणेश जी की आरती करने से व्यक्ति की सभी समस्याओं का निवारण होता है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, और उनकी पूजा से जीवन के हर बाधा और समस्या से मुक्ति मिलती है।
सुख-समृद्धि: गणेश जी की आरती से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। यह पूजा घर के सदस्यों के जीवन में खुशहाली लाती है।
विघ्नों का नाश: गणेश जी को "विघ्नहर्ता" कहा जाता है, यानी वे हर प्रकार की बाधाओं और समस्याओं को दूर करते हैं। नियमित पूजा से जीवन में आने वाली परेशानियों का समाधान होता है।
व्यापार और करियर में सफलता: गणेश जी की आरती से व्यवसाय और करियर में सफलता प्राप्त होती है। जो लोग किसी नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यह पूजा विशेष लाभकारी है।
मानसिक शांति: इस पूजा से मानसिक शांति और आत्मिक संतोष मिलता है, जिससे जीवन की भाग-दौड़ में संतुलन बना रहता है।
परिवार में सुख: यह पूजा परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और समझ बढ़ाती है और रिश्तों में सुधार लाती है।
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
एकदंत दयावंत चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुओं का भोग लगे संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
अंधों को आंख देत, कोढ़ियों को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।