जयति जय गायत्री माता आरती

जयति जय गायत्री माता आरती
Last Updated: 25 सितंबर 2024

 

जयति जय गायत्री माता,

जयति जय गायत्री माता।

सत् मारग पर हमें चलाओ,

जो है सुखदाता ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

आदि शक्ति तुम अलख निरंजन,

जगपालक क‌र्त्री।

दु:ख, शोक, भय, क्लेश, कलश,

दारिद्र दैन्य हत्री ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन,

जगत धातृ अम्बे।

भव भयहारी, जन-हितकारी,

सुखदा जगदम्बे ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

भय हारिणी, भवतारिणी,

अनघे, अज आनन्द राशि।

अविकारी, अखहरी, अविचलित,

अमले, अविनाशी ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

कामधेनु सतचित आनन्द,

जय गंगा गीता।

सविता की शाश्वती शक्ति,

तुम सावित्री सीता ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

ऋग, यजु, साम, अथर्व प्रणयनी,

प्रणव महामहिमे।

कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन,

शोभा गुण गरिमे ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी,

राधा, रुद्राणी।

जय सतरूपा, वाणी, विद्या,

कमला, कल्याणी ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

जननी हम हैं दीन-हीन,

दु:ख-दरिद्र के घेरे।

यदपि कुटिल, कपटी कपूत,

तउ बालक हैं तेरे ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

स्नेहसनी करुणामय माता,

चरण शरण दीजै।

विलख रहे हम शिशु सुत तेरे,

दया दृष्टि कीजै ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ,

दुर्भाव द्वेष हरिये।

शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय,

मन को पवित्र करिये ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

जयति जय गायत्री माता,

जयति जय गायत्री माता।

सत् मारग पर हमें चलाओ,

जो है सुखदाता ॥

॥ जयति जय गायत्री माता ॥

 

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