गणगौर व्रत न केवल सुहागिन महिलाओं के लिए बल्कि अविवाहित लोगों के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। वहीं, कुंवारे युवक-युवतियां भी कुछ खास उपाय करके अपने विवाह में आ रही अड़चनों को दूर कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणगौर के दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां खत्म होती हैं और जल्दी विवाह के योग बनते हैं। आइए जानते हैं, इस पावन दिन किन चीजों का दान करने से जीवन में खुशहाली आती है।
गणगौर तीज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि 31 मार्च 2025 (सोमवार) को प्रातः 9:11 बजे से प्रारंभ होगी और 1 अप्रैल 2025 (मंगलवार) को प्रातः 5:42 बजे समाप्त हो जाएगी। इस वर्ष तृतीया तिथि सूर्योदय से पूर्व समाप्त हो रही है, इसलिए गणगौर 31 मार्च को मनाई जाएगी।
गणगौर व्रत पर इन चीजों का दान लाएगा सौभाग्य
1. श्रृंगार सामग्री का दान
गणगौर के दिन सोलह श्रृंगार की वस्तुएं माता पार्वती को अर्पित करने से वैवाहिक सुख मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई महिला इस दिन श्रृंगार सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, काजल और महावर आदि का दान करती है, तो उसके दांपत्य जीवन में प्रेम और समृद्धि बनी रहती है। वहीं, अविवाहित लड़कियों के विवाह के योग जल्दी बनते हैं।
2. अन्न और खाद्य पदार्थों का दान
गणगौर पर अन्न, फल, मिठाई, गुड़ और चने आदि का दान करने से घर में कभी धन और भोजन की कमी नहीं होती। विशेष रूप से, गरीब और जरूरतमंदों को अन्न दान करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
3. नारियल का दान
धार्मिक मान्यता है कि नारियल (श्रीफल) का दान करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और शादी में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। नारियल को शुभता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे गणगौर पर अर्पित करने और किसी ब्राह्मण या सुहागिन महिला को दान करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
4. घी का दान
यदि किसी व्यक्ति के विवाह में बार-बार रुकावटें आ रही हैं, तो देसी गाय के शुद्ध घी का दान करना बेहद फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से बृहस्पति और शुक्र ग्रह अनुकूल होते हैं, जिससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
गणगौर व्रत का महत्व
गणगौर व्रत का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। यह पर्व केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अविवाहित लड़कियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। इस दिन माता गौरी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें प्रिय वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है।
गणगौर का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत संगम है। इस दिन किए गए विशेष उपाय और दान से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यदि आप भी अपने वैवाहिक जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं या विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करना चाहते हैं, तो इस गणगौर पर इन चीजों का दान अवश्य करें। इससे माता पार्वती का आशीर्वाद मिलेगा और आपका जीवन खुशहाल बनेगा।