Pradosh Vrat 2025: किस्मत को चमकाने के लिए प्रदोष व्रत पर करें ये खास उपाय, जानिए व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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प्रदोष व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, जो हर माह में दो बार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष में आता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है और इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। 2025 में माघ माह का दूसरा प्रदोष व्रत रविवार, 09 फरवरी को पड़ रहा है, जिसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता हैं। 

इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना के साथ कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, जैसे कि शिवलिंग पर जल चढ़ाना, ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना, बेलपत्र चढ़ाना, दीप जलाना और दक्षिणा अर्पित करना। व्रत का पालन करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, जीवन में सफलता और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता हैं। 

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 09 फरवरी 2025 को शाम 07:25 बजे शुरू होकर 10 फरवरी 2025 को शाम 06:57 बजे समाप्त होगी। इस दौरान रविवार को पड़ने वाला रवि प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है। भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 09 फरवरी 2025 को शाम 07:25 बजे से लेकर 08:42 बजे तक रहेगा। इस समय में पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस मुहूर्त में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा, मंत्र जाप और अभिषेक से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और समृद्धि की वृद्धि होती हैं।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि 

प्रदोष व्रत की पूजा में विशेष ध्यान रखा जाता है कि भगवान शिव की पूजा सही विधि और श्रद्धा से की जाए। पूजा के दौरान शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें, जो एक बहुत ही शुभ और पुण्यकारी कार्य माना जाता है। इसके बाद साफ जल में गंगाजल मिलाकर अभिषेक करें और भगवान शिव को बेलपत्र, फल, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

इसके बाद, शिव जी के 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जप करें और अंत में शिव जी की आरती करें। पूजा में शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ भी बहुत लाभकारी माना जाता हैं।

भगवान शिव को चंदन और भस्म से तिलक लगाएं और उन्हें कनेर के फूल, बेलपत्र, शमी, धतूरा जैसे पदार्थ अर्पित करें। भोग के रूप में महादेव को खीर, दही या सूजी का हलवा अर्पित कर सकते हैं।

इसके बाद, प्रदोष व्रत के दिन सवा किलो साबुत चावल का दान करना भी उत्तम रहेगा। शिव मंदिर में कुछ चावल अर्पित करें और बाकी बचे चावलों को गरीबों और जरूरतमंदों में दान करें। इस कार्य से साधक के कार्यक्षेत्र में आ रही किसी भी प्रकार की बाधा दूर होती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती हैं।

प्रदोष व्रत पर करें ये खास उपाय

* शिवलिंग पर जल चढ़ाएं: प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, गंगाजल और बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और घर में समृद्धि का वास होता है।

* ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें: इस दिन ओम नमः शिवाय का जाप करना बहुत लाभकारी होता है। दिनभर में कम से कम 108 बार इस मंत्र का उच्चारण करें, इससे मन की शांति और मानसिक स्थिरता मिलती है।

* बेलपत्र और आंवला चढ़ाएं: बेलपत्र और आंवला को भगवान शिव पर चढ़ाने से उनके आशीर्वाद से जीवन में बाधाएं दूर होती हैं और शांति बनी रहती है।

* दीप जलाएं: प्रदोष व्रत के दिन शिवजी के मंदिर या घर में दीपक जलाना चाहिए। खासतौर पर तिल के तेल का दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

* दक्षिणा अर्पित करें: पूजा के बाद भगवान शिव को दक्षिणा अर्पित करें। आप इसे किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान देने के रूप में भी कर सकते हैं।

* व्रत का पालन करें: इस दिन उपवासी रहकर व्रत का पालन करना चाहिए, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

* शिव के मंत्रों का पाठ करें: महा शिव रात्रि के मंत्र और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल मिलता है।

* भोग चढ़ाएं: शिवजी को घी, शहद, और भांग चढ़ाने से भी उनका आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

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