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नवरात्रि का दूसरा-तीसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल

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चैत्र नवरात्रि 2025 का पावन पर्व पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। 31 मार्च 2025 को नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन एक साथ पड़ रहा है। इस दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाएगी। मां ब्रह्मचारिणी संयम और तप की प्रतीक हैं, जबकि मां चंद्रघंटा साहस और शौर्य की देवी मानी जाती हैं। दोनों स्वरूपों की पूजा से भक्तों को मानसिक शांति, साहस और शक्ति प्राप्त होती है।

शुभ मुहूर्त: द्वितीया और तृतीया तिथि का संयोग

31 मार्च 2025 को चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि द्वितीया सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगी, उसके बाद तृतीया तिथि लग जाएगी। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि मां दुर्गा के दो स्वरूपों की पूजा एक ही दिन में की जाएगी।

वैधृति योग: दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक
अश्विनी नक्षत्र: दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक
इस दिन का योग और नक्षत्र दोनों ही धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ माने जाते हैं। मां ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा इस योग में विशेष फलदायी मानी जाती है।

राहुकाल: कार्यों में सावधानी का समय

राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। 31 मार्च 2025 को विभिन्न शहरों में राहुकाल का समय इस प्रकार है:

दिल्ली: सुबह 07:47 से 09:20 तक
मुंबई: सुबह 08:07 से 09:39 तक
चंडीगढ़: सुबह 07:78 से 09:21 तक
लखनऊ: सुबह 07:33 से 09:05 तक
भोपाल: सुबह 07:47 से 09:20 तक
कोलकाता: सुबह 07:04 से 08:36 तक
अहमदाबाद: सुबह 08:06 से 09:39 तक
चेन्नई: सुबह 07:38 से 09:10 तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय: सुबह 6:12 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:38 बजे

पूजा विधि और उपाय

मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग की चीजों का भोग अर्पित करें। नारियल की खीर का भोग विशेष रूप से शुभ माना जाता है। वहीं, मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। पूजन के दौरान इन मंत्रों का जाप करें:

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र:
"या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।"

मां चंद्रघंटा मंत्र:
"पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र केरी।
लम्बोदर पीताम्बरा चन्द्रघण्टा यशस्विनी।"

इन मंत्रों का जाप करते हुए देवी को पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें। साथ ही मां से सुख-समृद्धि और शक्ति की कामना करें। मां चंद्रघंटा की पूजा में शंख और घंटी का विशेष महत्व है। पूजा स्थल पर शंखनाद और घंटी की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

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