अगर आपके घर में लगातार आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं, तो वास्तु शास्त्र में कुछ विशेष चीजों को घर में रखने की सलाह दी जाती है, जो सकारात्मक ऊर्जा लाने और धन वृद्धि में सहायक मानी जाती हैं। इन उपायों से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। धन और समृद्धि को बनाए रखने के लिए वास्तु और धार्मिक उपायों का महत्व हिंदू धर्म में विशेष रूप से माना जाता है। निम्नलिखित उपाय आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगे और आर्थिक परेशानियों को दूर करने में सहायक हो सकते हैं।
1. कौड़ियां
* माता लक्ष्मी को कौड़ियां प्रिय मानी जाती हैं।
* पांच कौड़ियों को हल्दी का तिलक लगाकर माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति के पास रखें।
* ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में धन की वृद्धि होती है।
2. हल्दी
* हल्दी का संबंध भगवान विष्णु से होता है, जो मां लक्ष्मी के साथ रहने वाले देवता हैं।
* तिजोरी या धन रखने के स्थान पर हल्दी की एक गांठ रखें।
* यह उपाय करने से तिजोरी धन से भरी रहती है और घर में बरकत बनी रहती है।
3. चांदी का सिक्का
* चांदी शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
* तिजोरी या पैसे रखने के स्थान पर चांदी का सिक्का रखें।
* प्रतिदिन इस सिक्के पर रोली का तिलक लगाकर पूजा करें।
* यह उपाय आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
4. तुलसी का पौधा
* तुलसी का पौधा धार्मिक और वास्तु दोनों दृष्टिकोण से शुभ माना जाता है।
* घर के आंगन या बालकनी में तुलसी का पौधा लगाएं।
* नियमित रूप से तुलसी में जल अर्पित करें और दीपक जलाएं।
* ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां लक्ष्मी का वास होता है।
मां लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत,
हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
उमा, रमा, ब्रह्माणी,
तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
दुर्गा रूप निरंजनी,
सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,
ऋद्धि-सिद्धि पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम पतित-उद्धारिणी,
पारस हो माता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,
भव निधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
जिस घर में तुम रहतीं,
सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता,
मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम बिन यज्ञ न होते,
वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,
सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
शुभगुण मन्दिर सुन्दर,
क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
आरती लक्ष्मी माता की,
जो कोई गाता।
उर आनंद समाता,
पाप दूर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...