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अक्षय तृतीया 2025: कब मनाया जाएगा? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

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अक्षय तृतीया हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र पर्वों में से एक है, जिसे वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रिय दिन माना जाता है। अक्षय तृतीया का दिन बुरी शक्तियों से मुक्ति, समृद्धि और शुभता की प्राप्ति के लिए अति उत्तम माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में समृद्धि, धन और खुशहाली आती है, और सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति होती है।

अक्षय तृतीया 2025: कब मनाया जाएगा?

इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाएगा। हालांकि, तृतीया तिथि 29 अप्रैल को रात्रि 11:47 बजे से शुरू होगी और 30 अप्रैल को रात्रि 09:37 बजे तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। इसलिए, इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करना चाहिए, क्योंकि यह दिन पूजा के लिए शुभतम माना जाता है।

अक्षय तृतीया के दिन न केवल धार्मिक क्रियाएं होती हैं, बल्कि यह दिन बहुत से व्यावासिक कार्यों के लिए भी अत्यंत शुभ होता है। इस दिन विशेष रूप से सोने और अन्य बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी की जाती है, क्योंकि माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों से सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Puja Muhurat)

अक्षय तृतीया की पूजा का समय बहुत ही विशेष महत्व रखता है, क्योंकि सही मुहूर्त में पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त: सुबह 05:40 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक।

इस अवधि में पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है। पूजा के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधि का पालन करें। इस दौरान विशेष रूप से लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यधिक लाभकारी रहेगा।

अक्षय तृतीया भोग (Akshaya Tritiya 2025 Bhog)

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भोग अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं।

  • सत्तू: यह एक पारंपरिक भोग है जो सेहत के लिए लाभकारी होता है।
  • खीर: खीर का भोग भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता को अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • हलवा: इस दिन हलवा भी विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।
  • चने की दाल: यह भी एक खास भोग है, जो इस दिन भगवान को अर्पित किया जाता है।
  • ऋतु फल: ताजे फल भी इस दिन भोग में अर्पित किए जाते हैं, जो नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।
  • मिठाई: पूजा के बाद मिठाई का प्रसाद सभी को वितरित किया जाता है।

इन भोगों के माध्यम से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

अक्षय तृतीया पूजा विधि (Akshaya Tritiya 2025 Puja Vidhi)

अक्षय तृतीया की पूजा विधि को सही ढंग से करना बहुत जरूरी है, ताकि इस दिन के फल प्राप्त हो सकें। पूजा विधि में शुद्धता और विश्वास का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं इस दिन पूजा कैसे की जाती है।

  • स्नान और वस्त्र: पूजा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र पहनें। यह माना जाता है कि लाल रंग शुभता और समृद्धि का प्रतीक होता है।
  • घर की सफाई: घर के मंदिर को अच्छे से साफ करें और वहां नए वस्त्र बिछाएं। यह कार्य घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • प्रतिमा की स्थापना: एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • गंगाजल से स्नान: भगवान की प्रतिमा का गंगाजल से स्नान कराएं और फिर उन पर रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप और एक विशेष प्रकार का सिंदूर अर्पित करें।
  • मंत्र जाप: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। विशेष रूप से "ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाय नमः" का जाप करना शुभ रहता है। इसके अलावा, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी किया जा सकता है।
  • भोग अर्पित करें: खीर, हलवा, सत्तू, चने की दाल, ऋतु फल, मिठाई आदि का भोग अर्पित करें।
  • आरती और प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान की आरती करें और प्रसाद को सभी परिवार के सदस्य और दोस्तों में वितरित करें।

अक्षय तृतीया का महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Significance)

अक्षय तृतीया का महत्व बहुत बड़ा है। यह दिन विशेष रूप से समृद्धि, सुख, शांति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से दान-पुण्य का महत्व भी बहुत अधिक है। जो व्यक्ति अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान करता है, उसके जीवन में आशीर्वाद की कोई कमी नहीं होती।

साथ ही, इस दिन सोने, चांदी और बहुमूल्य रत्नों की खरीदारी भी की जाती है। इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है और यह विश्वास किया जाता है कि इस दिन खरीदी गई चीजों से जीवन में समृद्धि आती है। इसके अलावा, इस दिन विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए भी मुहूर्त अच्छा होता है। अक्षय तृतीया पर की गई पूजा और दान पुण्य से जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। यह दिन सभी के लिए नए आरंभ और सफलता का प्रतीक होता है।

अक्षय तृतीया 2025 का दिन अत्यधिक शुभ है, और इस दिन के महत्व को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी देखा जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, भोग, दान-पुण्य और शुभ कार्यों की शुरुआत से जीवन में समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है। सही विधि से पूजा करने से व्यक्ति को विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में हर प्रकार की सफलता प्राप्त होती है।

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