Khatu Shyam Mandir: किसने बनवाया था यह प्रसिद्ध मंदिर, जो आज पूरे देश में पूजनीय है

Khatu Shyam Mandir: किसने बनवाया था यह प्रसिद्ध मंदिर, जो आज पूरे देश में पूजनीय है
Last Updated: 30 सितंबर 2024

आज के समय में खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) की ख्याति देशभर में फैल चुकी है। प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान खाटू श्याम के दर्शन और पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। खास अवसरों पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है, जिससे मंदिर की रौनक और भी बढ़ जाती है। देश के विभिन्न कोनों से लोग अपनी मनोकामनाओं के साथ यहां आकर अरदास करते हैं।

खाटू श्याम को 'हारे का सहारा' और 'तीन बाण धारी' के नाम से भी जाना जाता है। भारत में खाटू श्याम जी को समर्पित कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर विशेष रूप से लोकप्रिय है। श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी मनोकामनाओं के साथ यहां आते हैं, क्योंकि माना जाता है कि खाटू श्याम जी हर भक्त की इच्छाएं पूरी करते हैं और उनकी कठिनाइयों को दूर करते हैं।

खाटू श्याम, महाभारत के योद्धा बर्बरीक हैं, जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। कई मान्यताओं के अनुसार, उन्हें भगवान कृष्ण का कलियुग में अवतार भी माना जाता है। आइए, जानते हैं इस मंदिर के निर्माण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि।

राजा ने करवाया था खाटू श्याम मंदिर का निर्माण

ऐसा माना जाता है कि खाटू गांव का प्रसिद्ध मंदिर राजा रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर द्वारा बनवाया गया था। राजा को एक रात सपने में यह आदेश मिला कि वह एक मंदिर का निर्माण करें और उसमें बर्बरीक का शीश स्थापित करें। राजा ने इस दिव्य सपना को साकार किया। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खाटू श्याम के कुंड पर बर्बरीक जी का शीश प्राप्त हुआ था, जिसके कारण इस कुंड को भी विशेष महत्व दिया जाता है।

हर इच्छा होती है पूरी

खाटू श्याम को सच्चे मन से गुलाब अर्पित करने से सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और बाबा श्याम जातक की तमाम गलतियों को क्षमा कर देते हैं। इसके साथ ही, श्रद्धालु खाटू श्याम को इत्र भी अर्पित करते हैं। ऐसा करने से घर में हमेशा सुख और शांति बनी रहती है, और परिवार के सभी सदस्यों को खाटू श्याम की कृपा प्राप्त होती है।

खाटू श्याम मंदिर: जानिए आरती के समय

मंगला आरती: सुबह 05:30 बजे

श्रृंगार आरती: सुबह 07:30 बजे

भोग आरती: दोपहर 12:30 बजे

संध्या आरती: शाम 07:15 बजे

शयन आरती: रात 09:00 बजे

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