Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी के दिन विष्णु भगवान की असीम कृपा पाने के लिए करें इन 5 चीजों का दान

Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी के दिन विष्णु भगवान की असीम कृपा पाने के लिए करें इन 5 चीजों का दान
Last Updated: 3 घंटा पहले

षटतिला एकादशी विशेष रूप से तिल के महत्व के कारण प्रसिद्ध है, और इसे एकादशी के दिन तिल से जुड़ी गतिविधियों के लिए खास माना जाता है। इस दिन का व्रत रखने और दान करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। 2025 में 25 जनवरी को यह व्रत मनाया जाएगा। अगर आप व्रत नहीं रख सकते हैं, तो इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करके भी पुण्य अर्जित कर सकते हैं।

षटतिला एकादशी पर दान की जाने वाली चीजें

* तिल (Sesame seeds): तिल का दान करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। तिल का दान विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है। तिल के साथ तिलक, तिल का तेल और तिल से बने मिठाईयों का भी दान किया जा सकता है।
* तिल का तेल (Sesame oil): तिल का तेल इस दिन खास महत्व रखता है, इसे जल में मिलाकर नदियों या तालाबों में प्रवाहित किया जा सकता है। यह कार्य विशेष रूप से शरीर को शुद्ध करने और पुण्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
* आटा और गुड़ (Flour and jaggery): आटे और गुड़ का दान भी इस दिन किया जा सकता है, जो कि गरीबों और जरुरतमंदों को दिया जाता है। इससे धन की प्राप्ति होती है और पुण्य भी मिलता है।
* कंबल (Blanket): ठंड के मौसम में कंबल का दान करना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। यह खासकर गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए किया जाता है।
* रूपए और अनाज (Money and grains): इस दिन विशेष रूप से अनाज और धन का दान भी पुण्यदायक होता है। जरूरतमंदों को अनाज और रूपए का दान करने से दरिद्रता दूर होती है।
* सोने और चांदी की वस्तुएं (Gold and silver items): इस दिन अगर संभव हो तो सोने और चांदी की वस्तुएं, जैसे बर्तन या गहनों का दान भी किया जा सकता है। इससे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
* पानी, फल और फूल (Water, fruits, and flowers): भगवान विष्णु की पूजा में फल, फूल और शुद्ध जल का दान भी करना बहुत पुण्यकारी होता है। खासकर ताजे फल और सुगंधित फूल भगवान विष्णु को अर्पित करने से मनुष्य के जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं।

षटतिला एकादशी व्रत की पूजा विधि

स्नान और व्रत की शुरुआत: इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करें।

तिल से स्नान: तिल का तेल या तिल का पानी बनाकर स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

साधना: इस दिन उपवासी रहते हुए ध्यान, मंत्र जाप और श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

भोग और पूजा: तिल से बनी मिठाइयां, खीर और तिल के तेल में दीपक जलाकर पूजा करें।

षटतिला एकादशी का महत्व

यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए विशेष है। इस दिन व्रत और पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही, तिल के दान से पुण्य प्राप्त होता है, और यह आपके जीवन में दरिद्रता और अशांति को दूर कर देता हैं।

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