All India Handicrafts Week 2024: कारीगरों की कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पहल और कारीगरों की कला को एक वैश्विक पहचान

All India Handicrafts Week 2024: कारीगरों की कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पहल और कारीगरों की कला को एक वैश्विक पहचान
Last Updated: 08 दिसंबर 2024

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह हर साल 8 दिसंबर से 14 दिसंबर तक पूरे देश में मनाया जाता है। यह सप्ताह भारतीय कारीगरों की कला, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को न केवल सम्मान देता है बल्कि इसे वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान करता हैं।

कारीगरों की कला का मंच

इस पूरे सप्ताह के दौरान इम्फाल, बीटी रोड स्थित पब्लिक लाइब्रेरी के परिसर में एक इकोक्राफ्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। यहां चिकनकारी, लोक चित्रकला, फड़ पेंटिंग, जरदोजी, बंधेज, कलमकारी, और लाख की चूड़ियों जैसी विभिन्न हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन होता हैं।

यह आयोजन कारीगरों के लिए साल का सबसे खास समय होता है क्योंकि उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने और विपणन के नए अवसर तलाशने का मौका मिलता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पकारों के लाइव प्रदर्शन और पारंपरिक भारतीय व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनती हैं।

प्रमुख गतिविधियां और उद्देश्य

क्रेता-विक्रेता बैठक कारीगरों और व्यापारियों के बीच बातचीत का मंच।

विपणन कार्यशालाएं बैंगलोर और मैंगलोर में राज्य स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन।

बच्चों और युवाओं के लिए कार्यशालाएं डिज़ाइन और कला में प्रशिक्षण।

स्वास्थ्य शिविर कारीगरों के लिए निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय हस्तशिल्प की परंपरा को संरक्षित करना और नई पीढ़ी को इससे जोड़ना हैं।

कमलादेवी चट्टोपाध्याय को श्रद्धांजलि

कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय कमलादेवी चट्टोपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अग्रणी महिला और हस्तशिल्प पुनरुद्धार की प्रतीक थीं। उनके प्रयासों ने न केवल भारतीय महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक स्तर को ऊपर उठाया बल्कि भारतीय कला और शिल्प को एक नई पहचान भी दिलाई।

अखिल भारतीय हस्तशिल्प बोर्ड की भूमिका

1952 में स्थापित, अखिल भारतीय हस्तशिल्प बोर्ड भारतीय हस्तशिल्प के विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बोर्ड विपणन, तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ निर्यात संवर्धन में भी सहायता करता हैं

संदेश और भविष्य की ओर दृष्टि

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह भारतीय कारीगरों को उनकी मेहनत और रचनात्मकता के लिए न केवल सम्मानित करता है बल्कि उनके कार्य को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करता है। यह आयोजन हमारे समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को जीवंत बनाए रखने का प्रतीक हैं।

इस सप्ताह का महत्व न केवल कारीगरों की आजीविका के लिए है बल्कि यह भारतीय कला और शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम भी है।

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह 2024 का आयोजन 8 दिसंबर से 14 दिसंबर तक पूरे देश में किया जाएगा। इस सप्ताह का उद्देश्य भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को बढ़ावा देना और इससे जुड़े कारीगरों को प्रोत्साहन देना हैं।

आयोजन की मुख्य विशेषताएं

हस्तशिल्प प्रदर्शनियां विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और आधुनिक हस्तशिल्प जैसे चिकनकारी, फड़ पेंटिंग, बंधेज, जरदोजी, और लाख की चूड़ियां प्रदर्शित की जाती हैं।

क्रेता-विक्रेता बैठकें जहां कारीगरों को व्यापारिक संबंध बनाने का मौका मिलता हैं।

लाइव डेमो राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकार अपने शिल्प का लाइव प्रदर्शन करते हैं।

कार्यशालाएं कारीगरों के लिए तकनीकी और विपणन प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।

यह सप्ताह न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक अवसर है, बल्कि कारीगरों को नए बाजार और रोजगार के अवसर प्रदान करने का भी महत्वपूर्ण जरिया है। इस दौरान बांस शिल्प, लकड़ी की नक्काशी, और विभिन्न पारंपरिक कारीगरी के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं

अगर आप इस आयोजन में भाग लेना चाहते हैं या अधिक जानकारी चाहते हैं, तो स्थानीय प्रदर्शनियों और सरकारी अधिसूचनाओं को फॉलो करें।

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