बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई चॉकलेट का दीवाना होता है। खासतौर पर चॉकलेट डे (Happy Chocolate Day 2025) के मौके पर इसकी चर्चा ही कुछ अलग होती है। हालांकि, आपकी पसंदीदा डार्क चॉकलेट के बारे में कई मिथक प्रचलित हैं। कहा जाता है कि यह सेहत के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन क्या यह सच है या सिर्फ एक भ्रम? डार्क चॉकलेट का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के मुंह में पानी आ जाता हैं।
यह न केवल बच्चों बल्कि बड़ों के लिए भी एक पसंदीदा ट्रीट है। जब बात डार्क चॉकलेट की आती है, तो लोग इसे हेल्दी मानते हैं, लेकिन इसके फायदे और नुकसान को लेकर भी कई गलत धारणाएं हैं। वेलेंटाइन वीक (Valentine Week 2025) के तीसरे दिन यानी 9 फरवरी को मनाए जाने वाले चॉकलेट डे के इस खास मौके पर आइए जानते हैं डार्क चॉकलेट से जुड़े 5 मिथकों की सच्चाई और समझते हैं कि क्या यह वास्तव में सेहत के लिए अच्छी होती हैं।
क्या है डार्क चॉकलेट?
डार्क चॉकलेट मुख्य रूप से कोकोआ मास, कोकोआ बटर और चीनी से बनाई जाती है। इसे मिल्क चॉकलेट से अलग बनाता है इसमें अधिक कोकोआ की मात्रा। आमतौर पर डार्क चॉकलेट में 70% से 90% तक कोकोआ मौजूद होता है। कोकोआ में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लेवोनॉइड्स और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं।
ये तत्व हृदय रोग के जोखिम को कम करने, रक्त प्रवाह सुधारने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। यही वजह है कि डार्क चॉकलेट को एक हेल्दी ट्रीट माना जाता है। हालांकि इसे संतुलित मात्रा में ही सेवन करना जरूरी है ताकि अतिरिक्त चीनी और कैलोरी के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके। डार्क चॉकलेट के बारे में 5 प्रचलित मिथक और उनकी सच्चाई।
1. मिथक: डार्क चॉकलेट वजन बढ़ाती है
सच्चाई: सही मात्रा में सेवन करने पर डार्क चॉकलेट वजन नहीं बढ़ाती। इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड्स मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में खाने से कैलोरी बढ़ना संभव है।
2. मिथक: डार्क चॉकलेट ब्लड शुगर बढ़ाती है
सच्चाई: डार्क चॉकलेट में शुगर की मात्रा कम होती है। 70% से अधिक कोको वाली चॉकलेट ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, लेकिन सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए।
3. मिथक: डार्क चॉकलेट खाने से हार्ट हेल्थ पर नकारात्मक असर होता है
सच्चाई: वास्तव में डार्क चॉकलेट का सीमित सेवन दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ब्लड फ्लो को बेहतर बनाते हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम करते हैं।
4. मिथक: डार्क चॉकलेट मूड खराब कर सकती है
सच्चाई: डार्क चॉकलेट में सेरोटोनिन और फेनाइलएथाइलामाइन होते हैं, जो तनाव कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
5. मिथक: डार्क चॉकलेट में दूध की चॉकलेट से ज्यादा कैफीन होती है
सच्चाई: डार्क चॉकलेट में कैफीन की मात्रा थोड़ी अधिक हो सकती है, लेकिन यह कॉफी की तुलना में काफी कम होती है।
डार्क चॉकलेट से होने वाले फायदे
डार्क चॉकलेट के फायदे वाकई में इसके स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं। आइए इन्हें विस्तार से देखें:
1. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर: डार्क चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे फ्लेवोनॉइड्स और पॉलीफेनोल्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं। ये कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं।
2. हार्ट हेल्थ के लिए अच्छी: फ्लेवोनॉइड्स न केवल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं बल्कि रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाए रखते हैं। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
3. दिमाग के लिए फायदेमंद: डार्क चॉकलेट में कोकोआ की उच्च मात्रा संज्ञानात्मक कार्यों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकती है। यह मस्तिष्क में ब्लड फ्लो बढ़ाकर स्मरण शक्ति और एकाग्रता में सुधार कर सकती है।
4. तनाव कम करने में मददगार: डार्क चॉकलेट में मैग्नीशियम होता है जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह सेरोटोनिन और एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज कर सकता है जो मूड को बेहतर बनाते हैं।