अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1995 में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा घोषित किया गया था, और इसका उद्देश्य असहिष्णुता, भेदभाव, और हिंसा के खतरों के बारे में वैश्विक जागरूकता फैलाना है। सहिष्णुता का मतलब है विविधता का सम्मान करना, चाहे वह धर्म, संस्कृति, जाति, या किसी और रूप में हो। इस दिन का मकसद यह समझाना है कि कैसे समाज में शांति, सहनशीलता और समानता को बढ़ावा दिया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस 2024 16 नवंबर को मनाया जाएगा।
इतिहास और उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस को 1995 में यूनेस्को द्वारा घोषित किया गया था, जब विश्व सहिष्णुता सम्मेलन की घोषणा की गई थी। इस सम्मेलन के दौरान, देशों ने सहिष्णुता को बढ़ावा देने और विविधता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को स्वीकार किया। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि असहमति या भिन्नता के बावजूद, हम सभी को एक-दूसरे के विचारों, विश्वासों और सांस्कृतिक पहचान का सम्मान करना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य
विविधता का सम्मान: अलग-अलग जाति, धर्म, संस्कृति, और विचारों का सम्मान करना।
समाज में शांति बढ़ाना: सहिष्णुता और समानता की भावना को बढ़ावा देना।
भेदभाव और नफरत के खिलाफ जागरूकता फैलाना: नस्लवाद, धर्मांधता, और अन्य असहिष्णु प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ना।
संवाद और समझ को बढ़ावा देना: विभिन्न समाजों के बीच बेहतर संवाद और आपसी समझ को बढ़ावा देना।
कैसे मनाया जाता है
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के अवसर पर दुनिया भर में कई कार्यक्रम और आयोजनों का आयोजन किया जाता है:
सम्मेलन और कार्यशालाएँ: विभिन्न संगठन, स्कूल और विश्वविद्यालय सहिष्णुता पर चर्चा और कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: विभिन्न देशों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनी के जरिए सहिष्णुता और विविधता के महत्व को दर्शाया जाता है।
यूनेस्को-मदनजीत सिंह पुरस्कार: यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हों। इस पुरस्कार की घोषणा अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर की जाती है।
संबंधित पहलें
संयुक्त राष्ट्र सहिष्णुता वर्ष: 1995 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा सहिष्णुता वर्ष की घोषणा की गई, ताकि वैश्विक स्तर पर सहिष्णुता के महत्व को प्रचारित किया जा सके।
मानवाधिकार और सहिष्णुता: यह दिवस मानवाधिकार और सहिष्णुता के बीच के संबंध को भी रेखांकित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस केवल एक दिन का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमारे समाजों में सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देने की निरंतर आवश्यकता का प्रतीक है। हमें यह समझने की जरूरत है कि सहिष्णुता केवल व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र स्तर पर भी आवश्यक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज के निर्माण के लिए हम सभी को एक-दूसरे के विश्वासों, विचारों और विविधताओं का सम्मान करना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस 2024 के लिए कुछ प्रमुख पहलें
सामाजिक समरसता और समानता: विभिन्न जातियों, धर्मों, और संस्कृतियों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देना।
ऑनलाइन सुरक्षा और जिम्मेदारी: फर्जी खबरों, नफरत भरे भाषणों, और साइबर हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाना।
शांति और अहिंसा को बढ़ावा देना: संघर्षों को हल करने के शांतिपूर्ण और सहिष्णु तरीकों को प्रोत्साहित करना।
इस दिन को मनाने के लिए हर एक व्यक्ति को अपने आसपास के वातावरण में सहिष्णुता और सकारात्मकता फैलाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकें, जहाँ विविधता का सम्मान किया जाता हो और हर किसी को समान अधिकार प्राप्त हो।