Ramkrishna Paramhans Jayanti 2025: संत के अनमोल विचार जो आत्मा को प्रकाशित करते हैं, रामकृष्ण परमहंस ने सभी धर्मों को दिया समान दर्जा

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भारत के महान संत, विचारक और समाज सुधारक स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई जाती है। इस वर्ष 1 मार्च 2025 को उनकी जयंती पर देशभर में आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। उनके विचार न केवल धार्मिक आस्थाओं को बल देते हैं, बल्कि व्यक्ति को सत्य, करुणा और आत्मज्ञान की ओर प्रेरित भी करते हैं।

रामकृष्ण परमहंस: एक दिव्य व्यक्तित्व

स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को बंगाल के कामारपुकुर गांव में हुआ था। बचपन में उनका नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था। वे बाल्यकाल से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे और अल्पायु में ही वे रामायण, महाभारत और भगवद् गीता के श्लोकों को कंठस्थ कर चुके थे।बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद उन्होंने औपचारिक शिक्षा छोड़ दी, लेकिन उनका ज्ञान और आध्यात्मिकता निरंतर बढ़ती रही। बाद में उन्होंने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पुजारी के रूप में सेवा की और ईश्वर प्राप्ति की साधना में लीन हो गए।

सभी धर्मों को दिया समान दर्जा

रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का मूल तत्व यह था कि सभी धर्म एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं। उन्होंने न केवल हिंदू धर्म बल्कि इस्लाम और ईसाई धर्म की साधनाओं को भी अपनाया और यह अनुभव किया कि हर मार्ग ईश्वर की ओर जाता है। उनके प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद ने उनकी शिक्षाओं को पूरी दुनिया में फैलाया और उनके नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार जो बदल सकते हैं जीवन

* "ईश्वर तक पहुंचने के उतने ही रास्ते हैं, जितने मनुष्य के विचार।"
* "जब तक व्यक्ति में अहंकार रहता है, तब तक वह ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता।"
* "पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं करना चाहिए।"


* "अगर किसी को ईश्वर की प्राप्ति करनी है तो उसे बालक की तरह सरल और निष्कपट होना चाहिए।"
* "किसी भी धर्म को मानो, लेकिन सच्चे हृदय से अपने इष्ट को प्रेम करो, वही तुम्हें मुक्ति दिलाएगा।"

रामकृष्ण परमहंस जयंती 2025: विशेष आयोजन

इस वर्ष रामकृष्ण परमहंस जयंती पर देशभर में कई आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। रामकृष्ण मिशन द्वारा सत्संग, प्रवचन और भंडारे का आयोजन होगा, जहां उनके विचारों और शिक्षाओं पर चर्चा की जाएगी। रामकृष्ण परमहंस ने जीवनभर मानवता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया। उनकी जयंती पर हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करने और अपने जीवन को सत्य और करुणा के मार्ग पर चलाने का संकल्प लेना चाहिए।

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