फ़िनलैंड की सेंट्रल बैंक (Suomen Pankki) के लिए भी भारी नुकसान .
दुनियां भर के केंद्रीय बैंकों ने हाल के आर्थिक संकटो को हल करने में कई अहम कदम उठाये है, कई बैंको को बचाने वाले सेंट्रल बैंक अब खुद ही मुसीबत में नजर आ रहे हैं। फ़िनलैंड की सेंट्रल बैंक (Suomen Pankki) के लिए भी भारी नुकसान एक समस्या बनता जा रहा है। बैंक इससे कैसे निपटेगा ये तो सवाल है ही, पर आज हम बैंक के ताजे बैलेंस शीट की चर्चा करेंगे।
छोटे पैमाने पर भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी या कमी सेंट्रल बैंक के लिए काफी महत्वपूर्ण या कहें की निर्णायक होते हैं, क्यों की इनकी बाजारपूंजी बहोत ज्यादा होती है। ब्याज दरों में वृद्धि ने बैंक ऑफ फिनलैंड के ऊपर दबाओ डाला और परिणाम को कमजोर कर दिया। बैंकिंग परिषद ने निदेशक मंडल के प्रस्ताव के आधार पर बैंक ऑफ फिनलैंड के वित्तीय विवरणों की पुष्टि की है। पिछले वर्ष के तिलिनपातोस के अनुसार बैंक की स्थिति बिलकुल भी अच्छी नजर नहीं आ रही। तासे के आंकड़े शून्य यूरो हो गए है।
बैंक ऑफ फ़िनलैंड का क्या कहना है.
बैंक ऑफ फ़िनलैंड का कहना है कि वित्तीय संपत्तियों के मूल्यांकन घाटे को कवर करने के लिए मुद्रा और मूल्य अंतर के लिए आरक्षित फंड में से 165 मिलियन यूरो जारी किया गया था, जो मुख्य रूप से डॉलर-संप्रदायित प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य में कमी के कारण थे। इसके अलावा, नकारात्मक परिचालन परिणाम को कवर करने के लिए सामान्य प्रावधान यानी की जनरल फंड से 47 मिलियन यूरो जारी किए गए। बैंक ऑफ़ फ़िनलैंड के सूत्रों के अनुसार, बैंक ऑफ फिनलैंड ने कम ब्याज दरों की अवधि में होनेवाले घाटों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही अपने जोखिम प्रावधानों को मजबूत किया है,और बढ़ती ब्याज दरों के लिए खुद को तैयार किया है।
ब्याज दरों में और बढ़ोतरी होगी ?
ये सवाल इस वक़्त परेशान करनेवाला है, subkuz.com ने कुछ सूत्रों ये ये जानकारी निकालने की कोशिश की , की क्या आने वाले समय में ब्याजदरों में और बढ़ोतरी होने वाली है, हमें इसके मिले-जुले परिणाम मिले, ऐसा संभव है की बैंको को बचाने के लिए उठाये गए क़दमों में एक ब्याज दर बढ़ाना भी है।