बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में शुमार ‘जो जीता वही सिकंदर’ (1992) को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान आमिर खान ने कुछ ऐसा किया था, जिसकी वजह से 80% फिल्म को दोबारा शूट करना पड़ा।
एंटरटेनमेंट: बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में शुमार ‘जो जीता वही सिकंदर’ (1992) को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान आमिर खान ने कुछ ऐसा किया था, जिसकी वजह से 80% फिल्म को दोबारा शूट करना पड़ा। आमिर ने खुद इस बारे में खुलकर बताया कि उन्होंने चार एक्टर्स को फिल्म से बाहर करने का सुझाव दिया था, जिससे पूरी टीम को दोबारा मेहनत करनी पड़ी।
आखिर क्यों दोबारा शूट करनी पड़ी फिल्म?
‘जो जीता वही सिकंदर’ के डायरेक्टर मंसूर अली खान और आमिर खान के बीच फिल्म को लेकर कई चर्चाएं हुई थीं। फिल्म के कुछ सीन्स वैसे नहीं बने थे, जैसे होने चाहिए थे। पहले से कास्ट किए गए कुछ एक्टर्स अपनी भूमिकाओं में पूरी तरह फिट नहीं हो रहे थे, जिससे फिल्म का प्रभाव कमजोर पड़ रहा था।
आमिर खान ने एक इंटरव्यू में बताया कि फीमेल लीड एक्ट्रेस की परफॉर्मेंस से डायरेक्टर संतुष्ट नहीं थे। इसी वजह से फिल्म के कुछ हिस्सों को दोबारा शूट करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद पूजा बेदी और दीपक तिजोरी को कास्ट किया गया। इस बदलाव के बाद फिल्म को पहले से बेहतर रूप में पेश किया गया।
आमिर खान ने क्यों हटवाए 4 एक्टर्स?
आमिर खान ने खुलासा किया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें कुछ सह-कलाकारों के साथ काम करने में परेशानी हो रही थी। ऊटी में 60-70 दिनों तक शूटिंग होने के बाद, डायरेक्टर मंसूर खान को महसूस हुआ कि देविका का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस भूमिका में फिट नहीं बैठ रही हैं।
तभी आमिर ने सुझाव दिया कि जब फिल्म के कुछ सीन बदले ही जा रहे हैं, तो क्यों न उन चार एक्टर्स को भी हटाया जाए, जिनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा नहीं रहा। आमिर का कहना था कि जब 80% फिल्म दोबारा शूट करनी ही पड़ रही है, तो बाकी कलाकारों को भी बदल देना ही सही रहेगा। इस निर्णय के बाद फिल्म की पूरी कास्ट में बदलाव किया गया और नतीजा यह हुआ कि ‘जो जीता वही सिकंदर’ बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक फिल्मों में शामिल हो गई।
फिल्म का निर्माण और सफलता
‘जो जीता वही सिकंदर’ को आमिर खान के कजिन मंसूर अली खान ने डायरेक्ट किया था और इसे प्रोड्यूस किया था आमिर खान के चाचा नासिर हुसैन ने। फिल्म 1992 में रिलीज हुई और दर्शकों को खूब पसंद आई। इसके गाने, कहानी और खेल आधारित रोमांचक दृश्यों ने इसे एक सदाबहार फिल्म बना दिया।
आमिर का फैसला सही या गलत?
आज जब इस फिल्म को एक बेहतरीन क्लासिक के रूप में देखा जाता है, तो कहा जा सकता है कि आमिर खान और मंसूर अली खान का यह कठिन फैसला फिल्म के लिए फायदेमंद साबित हुआ। हालांकि, फिल्म दोबारा शूट करने की वजह से बजट और समय की दिक्कतें जरूर आईं, लेकिन इसका नतीजा शानदार रहा।