राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के भविष्य को लेकर कहा कि इसे मजबूत और एकजुट दिखाने के लिए एक औपचारिक ढांचे की आवश्यकता है, जिससे इसका प्रभावी विकास सुनिश्चित हो सके।
नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (INDIA) के भविष्य को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक ठोस रणनीति की वकालत की है। उन्होंने कहा कि यदि यह गठबंधन राष्ट्रीय राजनीति में प्रभावी भूमिका निभाना चाहता है तो इसे एक सुसंगत ढांचा और स्पष्ट नीति की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसे एक मजबूत इकाई के रूप में नहीं दिखाया गया, तो यह बिखरा हुआ प्रतीत होगा और अपनी ताकत खो सकता हैं।
गठबंधन को चाहिए एक औपचारिक संरचना
सिब्बल का मानना है कि ‘इंडिया’ गठबंधन को औपचारिक संरचना की जरूरत है ताकि यह एक प्रभावी राजनीतिक शक्ति बन सके। उन्होंने कहा, "अगर हमें आगामी चुनावों में सशक्त प्रदर्शन करना है, तो हमें अपनी नीति, विचारधारा और रणनीति को स्पष्ट करना होगा।" उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि गठबंधन को अपने विचारों को सही तरीके से जनता तक पहुंचाने के लिए प्रवक्ताओं की नियुक्ति करनी चाहिए।
हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों के बीच मतभेद देखने को मिले थे। इस पर चिंता जताते हुए सिब्बल ने कहा कि यदि यह गठबंधन मजबूत होना चाहता है तो सहयोगी दलों को अपने मतभेद सुलझाने होंगे। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय स्तर पर समरूपता और तालमेल जरूरी है। अगर हम आपस में ही असंगठित रहेंगे तो भाजपा जैसी मजबूत पार्टी का मुकाबला करना मुश्किल हो जाएगा।"
वक्फ विधेयक पर सिब्बल की प्रतिक्रिया
कपिल सिब्बल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं। उन्होंने कहा, "भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है, ऐसे में उसके सहयोगी दलों का रुख इस विधेयक पर महत्वपूर्ण रहेगा। बिहार जैसे राज्यों में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा इस विधेयक को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर सकती हैं।"
परिसीमन मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत
कपिल सिब्बल ने देश की राजनीति में परिसीमन के संभावित प्रभावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पहले ही इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के लिए बैठक बुला चुके हैं। उन्होंने कहा, "परिसीमन से देश के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। इसलिए विपक्षी दलों को इस पर एक साझा रणनीति बनानी होगी ताकि वे सशक्त तरीके से अपनी बात रख सकें।"
कपिल सिब्बल का मानना है कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन वाकई भाजपा को चुनौती देना चाहता है, तो उसे स्पष्ट रूप से अपने मुद्दों को परिभाषित करना होगा। गठबंधन में शामिल दलों को एक दूसरे के प्रति ज्यादा सहयोगात्मक रवैया अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि विपक्ष अपनी ताकत को संगठित करे और जनता के सामने एक सशक्त विकल्प प्रस्तुत करे।"