संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा के दौरान बिजली केबल में आग लगने से श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि यात्रा पहले ही निकल चुकी थी, बड़ा हादसा टल गया।
Sant-Premanand Ji Maharaj: संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए थे। यह यात्रा रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम से प्रारंभ होकर सुनरख मार्ग होते हुए परिक्रमा मार्ग स्थित रमणरेती पहुंची। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही थी और भक्तगण उत्साहपूर्वक संत के दर्शन कर रहे थे।
विद्युत केबल में लगी आग
जब पदयात्रा श्रीराधाकेलिकुंज तक पहुंची, तभी सुनरख मोड़ परिक्रमा मार्ग पर रखे ट्रांसफार्मर से जुड़ी विद्युत पोल की केबल में अचानक चिंगारी उठी और देखते ही देखते आग लग गई। इस घटना को देख श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन गनीमत रही कि पदयात्रा पहले ही वहां से गुजर चुकी थी, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।
विद्युत विभाग की लापरवाही से बढ़ सकता था खतरा
इस घटना ने विद्युत विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया। संत प्रेमानंद के जन्मोत्सव के चलते वृंदावन में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अगर इस आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
संत प्रेमानंद का छह दिवसीय जन्मोत्सव
संत प्रेमानंद का जन्मोत्सव 25 से 30 मार्च तक मनाया जाएगा। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रीराधाकेलिकुंज आश्रम ने विभिन्न शहरों से आने वाले भक्तों के दर्शन के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए हैं ताकि भीड़ को व्यवस्थित किया जा सके।
अलग-अलग दिनों पर होंगे दर्शन
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उनके शहरों के अनुसार दर्शन के दिन निर्धारित किए गए हैं:
25 मार्च: वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, मथुरा, ब्रजक्षेत्र एवं अलीगढ़ के श्रद्धालु।
26 मार्च: उत्तरप्रदेश, आगरा, अलीगढ़ के भक्त।
27 मार्च: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पंजाब के श्रद्धालु।
28 मार्च: हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, असम, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात के भक्त।
29 मार्च: महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के श्रद्धालु।
30 मार्च: रिवक्त परिकर के भक्त संत प्रेमानंद के दर्शन करेंगे।
भव्य कार्यक्रमों का आयोजन
छह दिवसीय जन्मोत्सव के दौरान कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालुओं को संत प्रेमानंद के दिव्य दर्शन का भी लाभ मिलेगा।